जोधपुर। रक्षा सामग्री उत्पादन में भारत ने शुक्रवार को एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। वायुसेना ने थार के रेगिस्तान में स्थित पोखरण परीक्षण फायरिंग रेंज में स्वदेशी गाइडेड बम का सफल परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defense research and development organization) द्वारा विकसित 500 किलोग्राम वजनी इस गाइडेड बम ने 30 किलोमीटर दूर स्थित अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया। इससे पहले, वायुसेना ने डीआरडीओ के साथ मिलकर सुखोई युद्धक विमान से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। हवा से सतह पर मार करने में सक्षम इस 2.5 टन वजनी मिसाइल की मारक क्षमता 300 किलोमीटर है।

ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल ध्वनि के रफ्तार से करीब तीन गुना अधिक गति (2.8 मैक) से लक्ष्य को भेदेगी। वायुसेना के प्रवक्ता ग्रुप कैप्टन अनुपम बनर्जी ने बताया, “विमान से प्रक्षेपण आसानी से हुआ और मिसाइल ने जमीन पर लक्ष्य को सीधे मारने से पहले वांछित प्रक्षेपण पथ का अनुसरण किया।” 

भारतीय वायुसेना दुनिया की पहली ऐसी वायुसेना बन गई जिसने 22 नवंबर, 2017 को एक समुद्री लक्ष्य पर वायु से मार करने वाली 2.8 मैक जमीनी प्रहार मिसाइल को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था। वायुसेना ने कहा, “आज इस तरह के हथियार का दूसरी बार प्रक्षेपण किया गया। विमान से इस आयुध का समन्यवय करना एक जटिल प्रक्रिया थी  क्योंकि इसमें विमान में मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और सॉफ्टवेयर में बदलाव करने शामिल होते हैं।” 

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