नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कहना है कि बदलाव को आगे बढ़ाने के लिए साहस की आवश्यकता पड़ती है। ने आज कहा कि भारत उतनी प्रगति नहीं कर पाया जितनी उसे करनी चाहिए थी। प्रधानमंत्री यहां 2015 बैच के आईएएस अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिन देशों ने भारत के बाद आजादी प्राप्त की तथा जिनके सामने संसाधनों की कमी थी, उन्होंने विकास के मामले में नयी उंचाइयों को छुआ है।
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि बदलाव को आगे बढ़ाने के लिए साहस की आवश्यकता पड़ती है। उन्होंने युवा प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि उन्हें उस सोच से बचना चाहिए जो बदलाव का विरोध करती है। उन्हें भारत की प्रशासनिक प्रणाली को नये भारत की उर्जा से भर देना चाहिए। कहा कि व्यवस्था में परिवर्तन के लिए गतिशील बदलाव की आवश्यकता है।
Prime Minister Narendra Modi today addressed IAS Officers of the 2015 batch at the inaugural session of Assistant Secretaries pic.twitter.com/da2i7EYMoF
— ANI (@ANI) July 3, 2017
एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने युवा अधिकारियों से कहा कि वे सहायक सचिवों के रूप में अपने कार्यकाल की अगले तीन माह की अवधि के दौरान केन्द्र सरकार के वरिष्ठतम अधिकारियों के साथ निस्संकोच होकर बातचीत करें ताकि व्यवस्था को उनकी उर्जा एवं नये विचारों तथा सचिव स्तर के अधिकारियों के प्रशासनिक अनुभव के मेल का लाभ मिल सके।
प्रधानमंत्री ने युवा अधिकारियों से कहा कि वे यूपीएससी परिणामों के दिन तक अपने जीवन, उनके द्वारा झेली गयी चुनौतियों और अब उनके समक्ष पेश अवसरों पर विचार करें ताकि वे व्यवस्था और आम आदमी के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकें। इस अवसर पर कार्मिक, जन शिकायत एवं पेंशन मंत्री जितेन्द्र सिंह एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।