उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में एक आर्टिकल छपा है, जिसमें लिखा गया है कि भारत के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य (उत्तर प्रदेश) में एक महंत को शासन करने के लिए चुना गया है, जिनके भाषणों में नफरत होती है।आर्टिकल में आगे कहा गया है कि आदित्यनाथ को अधिकतर लोग योगी कहकर बुलाते हैं और उनकी पहचान एक मंदिर के महंत के रूप में होती है।

अखबार में आदित्यनाथ को ‘हिंदू आतंकी’ बताया गया है. दरअसल अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में ‘राजनीतिक सीढ़ियां चढ़ता एक फायरब्रांड हिंदू पुजारी’ हेडिंग से छपे इस आर्टिकल में योगी आदित्यनाथ को हिंदू युवा वाहिनी का सरगना बताया गया है और इस संगठन को एक आतंकी संगठन के रूप में पेश किया गया है।

अखबार की मानें तो योगी आदित्यनाथ ने मुसलमानों से बदला लेने के लिए युवाओं की सेना के तौर पर हिंदू युवा वाहिनी का निर्माण किया गया। यही नहीं, योगी को नेता परंपरावाद के लिए कुख्यात बताया गया है।इसके अलावा आर्टिकल में योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक सफर और भारतीय जनता पार्टी की राजनीति पर भी काफी कुछ लिखा गया है।

अखबार ने योगी आदित्यनाथ को यूपी का सीएम चुनने के नरेंद्र मोदी के फैसले को आश्चर्यजनक बताते हुए लिखा है कि नरेंद्र मोदी तीन साल पहले सत्ता में आए थे तब विकास और आर्थिक प्रगति की बात किया करते थे, लेकिन अब भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ में बदलने के अभियान ने मोदी के विकास के एजेंडे को पीछे छोड़ दिया है और उनकी सरकार में देश के 17 करोड़ मुसलमान आर्थिक और सामाजिक तौर पर हाशिये पर जा पहुंचे हैं।

इस लेख में कहा गया है कि योगी की पहचान एक ऐसे पुजारी की है, जो अपनी हिंदुओं का प्रभुत्व स्थापित करने के लिए अपने चरमपंथी विचारों के लिए जाने जाते हैं।योगी ने इतिहास में मुसलमान शासकों द्वारा किए गए अत्याचारों का बदला लेने के लिए युवाओं का एक संगठन हिन्दू युवा वाहिनी बनाया हुआ है।वह रैलियों में जोर-शोर से कह चुके हैं कि ‘हम सब धर्मयुद्ध की तैयारी कर रहे हैं।’

इस लेख में सीएम योगी आदित्यनाथ के संगठन हिन्दू युवा वाहिनी के सदस्यों द्वारा मुस्लिमों को धमकाकर गांव से निकालने, गाय ले जाने के लिए मारपीट करने और कई मामलों में मारपीट और उपद्रव में शामिल रहने का भी जिक्र है।साथ ही योगी आदित्यनाथ पर भी कई गंभीर मामलों समेत करीब दो दर्जन आपराधिक मुकदमों का भी जिक्र किया गया है।

अखबार ने लिखा है कि गोरखनाथ मंदिर, जिसके आदित्यनाथ महंत हैं, का पुराना चरमपंथ इतिहास रहा है। इसमें कहा गया है, ‘वर्ष 1959 तक गोरखनाथ मंदिर के महंत रहे दिग्विजय नाथ को महात्मा गांधी की हत्या के कुछ दिन पहले उनकी हत्या के लिए युवाओं को उकसाने के लिए गिरफ्तार किया गया था। वहीं उनके बाद आए महंत अवैद्यनाथ ने 1992 में 16वीं सदी में बनी बाबरी मस्जिद को गिराने और उसकी जगह मंदिर बनाने के लिए भीड़ को उकसाया था. इस घटना के बाद भारत के हालिया इतिहास के सबसे खूनी दंगे भड़क उठे थे।

एजेंसी
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