नई दिल्ली ।आतंकवाद पर अमेरिका के गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट में बुधवार (19 जुलाई) को कहा कि पाकिस्तान उन देशों में शामिल किया गया है, जहां आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाहें दी जाती हैं। कंट्री रिपोर्ट ऑन टेररिज़्म के नाम से जारी इस रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रहा हैं इससे अफगानिस्तान में अमेरिका के हितों को चोट पहुंच रही है।पाकिस्तान ने लश्कर-ए तैयबा और जैश-ए मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ भी कोई कार्यवाही नहीं कर रहा हैं।रिपोर्ट में लिखा गया है,लश्कर-ए तैयबा और जैश-ए मोहम्मद जैसे आतंकी गुट उसकी सरजमीं से गतिविधियां चलाने के साथ ही अपने आतंकियों को प्रशिक्षित कर रहे और पैसे जुटा रहे हैं। ‘

रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार अफगान तालिबान और हक्कानी जैसे आतंकी समूहों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता है।इसके अलावा पाकिस्तान ने लश्कर-ए तैयबा और जैश-ए मोहम्मद जैसे आतंकी समूहों के खिलाफ भी कोई एक्शन नहीं लिया।जबकि ये संगठन पाकिस्तान में लगातार आतंकियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं और फंड इकट्ठा कर रहे हैं।

 

अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने बताया कि पाकिस्तान में लश्कर-ए तैयबा पर प्रतिबंध होने के बावजूद उसके सहयोगी संगठन जमात-उद दावा और फलह-ए इंसानियत फाउंडेशन खुलेआम पाकिस्तान में फंड इकट्ठा कर रहे हैं।

अमेरिका ने ये भी माना है कि लश्कर चीफ हाफिज सईद को यूनाइटेड नेशंस ने आतंकी घोषित किया, बावजूद इसके वो पाकिस्तान की धरती पर सार्वजनिक रैलियां कर रहा है।रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान ने हाफिज सईद को खुली छूट दे रखी है और हाफिज सईद ने फरवरी 2017 में भी सार्वजनिक रैली को संबोधित किया।

इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारत लगातार आतंकवाद से पीड़ित है।पाकिस्तानी आतंकवादी भारत में हमले कर रहे हैं. इसके अलावा रिपोर्ट में भारत के दावों का भी जिक्र किया गया है।रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय एजेंसियां जम्मू-कश्मीर में क्रॉस बॉर्डर आतंकी हमलों को लेकर पाकिस्तान पर आरोप लगाती रही हैं।

इस रिपोर्ट में पठानकोट हमले का भी जिक्र किया गया और कहा गया कि इस हमले को जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों ने अंजाम दिया।इस हमले के बाद भारत ने अमेरिका से आतंकवाद के खिलाफ मदद मांगी और जानकारी भी साझा की।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि भारत लंबे समय से कहता रहा है कि पाकिस्तान आतंकियों के सुरक्षित शरणस्थली है। अमेरिकी रिपोर्ट से हमारे इस रुख की पुष्टि हो गई है। इससे यह साबित हो गया कि भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकवाद की बुराई जड़ पाकिस्तान ही है।
बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर सभी विकसित राष्ट्रों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का आह्वान कर चुके हैं।यूनाइटेड नेशंस से लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति से भी पीएम मोदी ने कई मौकों पर आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की अपील की है।जिसके बाद पहले यूएन ने हाफिज सईद को इंटरनेशनल आतंकी घोषित किया और अब पाकिस्तान पर आतंक को पालने और उसे पनाह देने का गुनहगार करार दिया है।

 

नई दिल्ली ।आतंकवाद पर अमेरिका के गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट में बुधवार (19 जुलाई) को कहा कि पाकिस्तान उन देशों में शामिल किया गया है, जहां आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाहें दी जाती हैं। कंट्री रिपोर्ट ऑन टेररिज़्म के नाम से जारी इस रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रहा हैं इससे अफगानिस्तान में अमेरिका के हितों को चोट पहुंच रही है।पाकिस्तान ने लश्कर-ए तैयबा और जैश-ए मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ भी कोई कार्यवाही नहीं कर रहा हैं।रिपोर्ट में लिखा गया है,लश्कर-ए तैयबा और जैश-ए मोहम्मद जैसे आतंकी गुट उसकी सरजमीं से गतिविधियां चलाने के साथ ही अपने आतंकियों को प्रशिक्षित कर रहे और पैसे जुटा रहे हैं। ‘

रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार अफगान तालिबान और हक्कानी जैसे आतंकी समूहों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता है।इसके अलावा पाकिस्तान ने लश्कर-ए तैयबा और जैश-ए मोहम्मद जैसे आतंकी समूहों के खिलाफ भी कोई एक्शन नहीं लिया।जबकि ये संगठन पाकिस्तान में लगातार आतंकियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं और फंड इकट्ठा कर रहे हैं।

 

अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने बताया कि पाकिस्तान में लश्कर-ए तैयबा पर प्रतिबंध होने के बावजूद उसके सहयोगी संगठन जमात-उद दावा और फलह-ए इंसानियत फाउंडेशन खुलेआम पाकिस्तान में फंड इकट्ठा कर रहे हैं।

अमेरिका ने ये भी माना है कि लश्कर चीफ हाफिज सईद को यूनाइटेड नेशंस ने आतंकी घोषित किया, बावजूद इसके वो पाकिस्तान की धरती पर सार्वजनिक रैलियां कर रहा है।रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान ने हाफिज सईद को खुली छूट दे रखी है और हाफिज सईद ने फरवरी 2017 में भी सार्वजनिक रैली को संबोधित किया।

इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारत लगातार आतंकवाद से पीड़ित है।पाकिस्तानी आतंकवादी भारत में हमले कर रहे हैं. इसके अलावा रिपोर्ट में भारत के दावों का भी जिक्र किया गया है।रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय एजेंसियां जम्मू-कश्मीर में क्रॉस बॉर्डर आतंकी हमलों को लेकर पाकिस्तान पर आरोप लगाती रही हैं।

इस रिपोर्ट में पठानकोट हमले का भी जिक्र किया गया और कहा गया कि इस हमले को जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों ने अंजाम दिया।इस हमले के बाद भारत ने अमेरिका से आतंकवाद के खिलाफ मदद मांगी और जानकारी भी साझा की।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि भारत लंबे समय से कहता रहा है कि पाकिस्तान आतंकियों के सुरक्षित शरणस्थली है। अमेरिकी रिपोर्ट से हमारे इस रुख की पुष्टि हो गई है। इससे यह साबित हो गया कि भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकवाद की बुराई जड़ पाकिस्तान ही है।
बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर सभी विकसित राष्ट्रों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का आह्वान कर चुके हैं।यूनाइटेड नेशंस से लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति से भी पीएम मोदी ने कई मौकों पर आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की अपील की है।जिसके बाद पहले यूएन ने हाफिज सईद को इंटरनेशनल आतंकी घोषित किया और अब पाकिस्तान पर आतंक को पालने और उसे पनाह देने का गुनहगार करार दिया है।

 

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