बरेली। पुलिस प्रशासन लाख दावे करे लेकिन खुराफातियों को कानून का खौफ नहीं रह गया है। जिले के कई इलाकों में कांवरियों पर पथराव किया गया तो कहीं कांवर रोकी गयी। हालात नियंत्रण से बाहर होते जा रहे हैं। धार्मिक आयोजन उल्लास के स्थान पर भय के माहौल में सम्पन्न हो पा रहे हैं।
फरीदपुर में कांवरियों पर पथराव
फरीदपुर : गुरुवार को हर साल की तरह मिर्जापुर और मल्लपुर के कांवड़ियों का जत्था रहपुरा जल लेने कछला गया था। शनिवार को वापसी के दौरान मिर्जापुर के 32 कांवड़ियों ने पहलऊ मंदिर में जलाभिषेक किया और रहपुरा होकर मिर्जापुर की तरफ बढ़ने लगे। साउंड सिस्टम लगा ट्रैक्टर जैसे ही रहपुरा में मेन रोड से गुजरा, दूसरे समुदाय के कुछ खुराफातियों ने पथराव कर दिया।
इस पथराव में सूर्यप्रताप, विजय और विकास घायल हो गए। यह देख कांवड़ियों ने दूसरे समुदाय के बुजुर्ग से शिकायत की तो वह झाड़ लेकर दौड़ पड़ा। गुस्साये कांवड़ियों ने 100 नंबर पर सूचना दी और सड़क जाम कर दी। आधे घंटे तक पुलिस न आने पर वहीं लेट गए। सूचना पर सीओ फरीदपुर जगमोहन बुटोला, फरीदपुर व फतेहगंज पूर्वी का फोर्स पहुंचा। कांवड़िया पत्थर फेंकने वालों की गिरफ्तार की मांग पर अड़े थे। इसके बाद पुलिस ने गांव में सर्च ऑपरेशन चलाया लेकिन आरोपी नहीं मिले तो तीन संदिग्ध को हिरासत में ले लिया। इसके बाद कांवड़िया आगे रवाना हो गए।
महेशपुरा में कांवड़ रोकी
सीबीगंज : महेशपुरा गांव के लोग रविवार शाम 6 बजे कछला जल भरने के लिए जा रहे थे। इससे पहले वह गांव के मंदिर में मत्था टेककर निकलते हैं। देर शाम कावड़ियों का जुलूस सुराही (लाउडस्पीकर) लगाकर निकला। जैसे ही वे दूसरे समुदाय के धार्मिक स्थल के पास पहुंचे, रास्ता रोक लिया गया। दूसरे समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि जुलूस नई परंपरा के तहत निकाला जा रहा है।
इस दौरान उन्होंने सुराही पर आपत्ति जताई। जुलूस रोके जाने पर तनाव फैल गया। दोनों पक्षों में नोकझोक शुरू हो गई। इसी दौरान किसी ने पुलिस को सूचना दी तो इंस्पेक्टर गणोश दत्त जोशी मौके पर पहुंचे। हालात पर काबू करने का प्रयास किया लेकिन मामला बढ़ता गया। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों को सूचना दी तो एसपी सिटी व एसडीएम सदर भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे।