गरुण डिवीजन में कारगिल विजय दिवसबरेली। उत्तर भारत एरिया हैडक्वाटर के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल आर.के. भारद्वाज ने बुधवार को कारगिल विजय दिवस पर पत्रकारों को सम्बोधित किया। उन्होंने कारगिल पोस्ट का महत्व बताते हुए संक्षेप में कारगिल युद्ध के बारे में जानकारी दी। बताया कि इस युद्ध में हमारी सेना के 500 से ज्यादा जवान और अफसर वीरगति को प्राप्त हुए थे। लेकिन हमारे बहादुर जवानों और अफसरों ने दुश्मन को खदेड़ने के बाद ही दम लिया। इन्हीं शहीदों को श्रद्धांजलि देने और उनकी बहादुरी को सलाम करने के लिए आज के दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इसी बीच पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए साफ कहा कि 1962 में देश युद्ध के लिए तैयार नहीं था, लेकिन आज भारतीय सेना किसी भी चुनौती से निपटने में पूरी तरह सक्षम है। कहा कि अगर चीन और पाकिस्तान एक साथ मिलकर भी सामने हों तो भी हमारी तैयारी पूरी है।

एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हमारी नीति है कि हम किसी की जमीन पर कब्जा नहीं करते लेकिन किसी को अपनी भूमि पर कब्जा करने भी देते। कहा कि चीन भूटान की जमीन को कब्जाना चाहता है, लेकिन भारत ने भूटान को सुरक्षा का बचन दिया है। ऐसे में हम चीन को सिक्किम पर कब्जा करने नहीं देंगे। वैसे भी वह स्ट्रेटेजिकल नजरिये से बेहद महत्वपूर्ण है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि सेना में अफसरों की कमी है। पहले हमें एनडीए के माध्यम से अच्छा टैलेण्ट मिल जाता था। अब जबसे एनडीए के प्रवेश की अर्हता 12 वीं हो गयी है तो बच्चे मेडिकल, इंजीनियरिंग और अन्य विकल्पों के साथ सेना के लिए आवेदन करते हैं। सोच बदली है। ऐसे में हम अपने जवानों में खोजते हैं। जो प्रतिभाशाली जवान मिलते हैं उन्हें ट्रेनिंग देकर अधिकारी के रूप में तैनाती दी जाती है।

इस मौके पर मौजूद गरूण डिवीजन के जनरल आफिसर कमांडंग मेजर जनरल कवीन्द्र सिंह ने कहा कि विश्व में लोगों की जीवन शैली बदली है। आज माता-पिता बच्चों को आमतौर पर मोबाइल दिला देते हैं। आज बच्चे लट्टू, गिल्ली डंडा या फिजिकल गेम्स खेलते हुए देखने को नहीं मिलते। कई बार तो वो फुटबाल भी मोबाइल पर खेलते हैं। ऐसे में टैलेण्ट को खोजना बड़ा चैलेन्ज है।

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