सर्वोच्च न्यायालयनयी दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) व केरल सरकार से एक मुस्लिम व्यक्ति की याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मुस्लिम व्यक्ति की शादी हिंदू महिला से हुई थी, जिसे केरल उच्च न्यायालय द्वारा लव जिहाद कह कर रद्द कर दिया। प्रधान न्यायाधीश न्यामूर्ति जे.एस. खेहर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने देश की प्रमुख आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी से और महिला के पिता से मामले से जुड़े सभी दस्तावेज एक हफ्ते के भीतर प्रस्तुत करने के लिए कहा है और केरल सरकार से अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।

अदालत ने एनआईए और पिता से कहा है, “यह बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है। यह एक गंभीर मामला है… आप अपने पास से सभी सामग्री दीजिए।“ अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को तय कर दी। केरल उच्च न्यायालय ने 25 मई को 24 साल की हिंदू महिला हादिया की शादी को रद्द कर दिया है। महिला ने मुस्लिम व्यक्ति से दिसंबर 2016 में शादी की थी। महिला ने शादी के लिए इस्लाम स्वीकार किया था। अदालत ने महिला हादिया को माता-पिता के पास रखने का निर्देश दिया था।

महिला के पति शफीन जहां (27) ने उच्च न्यायालय के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। अपनी याचिका में जहां ने आदेश को ’भारत में महिला की आजादी का अपमान बताया है।’ हादिया के पिता को अदालत में पेश होने का सर्वोच्च न्यायालय से आदेश देने का आग्रह करते हुए शफीन के वकील ने दावा किया कि महिला ने अपनी शादी से दो साल पहले ही खुद से इस्लाम कबूल कर लिया था।

हादिया के पिता की तरफ से वकील माधवी दीवान ने कहा कि हादिया एक असहाय पीड़ित है, जो बुरी तरह गिरोह में फंस गई, जो मनोवैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल कर लोगों को इस्लाम अपनाने को प्रेरित करता है। वकील ने कहा कि जहां एक अपराधी है और उनकी बेटी पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया व आईएस से संबंध वाले एक नेटवर्क में फंस गई है।

 

error: Content is protected !!