गम्बूसिया मछलीबरेली। मलेरिया विभाग ने जापानी इंसेफ्लाइटिस के बीच को नष्ट करने का इलाज खोज लिया है। इंसेफ्लाइटिस फैलाने वाले मच्छर का लार्वा साफ पानी में ही पनपता है। ऐसे में इस लार्वा को खाने वाली गम्बूसिया मछली को पालकर लार्वा को पनपने से ही रोक दिया जाएगा।

गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्र में जपानी इन्सेफलाइटिस के फैलने का ज्यादा खतरा रहता है। इससे निपटने के लिए मलेरिया विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रो में स्थित तालाबों मे गम्बूसिया मछली पालने का निर्णय लिया है। विशेषज्ञों के अनुसार यह विशेष प्रकार की मछली जापानी इन्सेफलाइार्टस का लार्वा खा जाती है। यह लार्वा साफ पानि मे पैदा होता हे और यदि समय रहते इस लार्वा को नष्ट न किया गया तों जापानी इंसेफ्लाइटिस फैलने का खतरा बढ जायेगा।

जिला मलेरिया अघिकारी ने मत्स्य बिभाग से ताल मेल कर कार्य योजना तैयार की है तथा तहसील क्षेत्र तालाबों का सर्वे शुरू कर दिया है। टीम ने बहेड़ी, नवाबगंज, फरीदपुर, मीरगंज, आंवला, सदर तहसील के एसडीएम से सम्पर्क कर क्षेत्र के तालाबों की सूची प्रेष्ति करने का आग्रह किया है। जिन तालाबो मे पहले से ही मछली पालन हो रहा है उन तालाबो में गम्बूसिया मछली पालन असम्भव है। एसडीएम से उन तालाबों की सूची मांगी गई है, जिनमे साफ पानी हो तथा कोई मछली पालन आच्छादित न हो। गम्बूसिया मछली पालन की कार्य योजना के लिए जिला मलेरिया अघिकिरी डॉ. पंकज जैन, पी.एस. यादव , डी. आर. सिहं, गुलशन कुमार, ने तहसीलों का दौरा प्ररम्भ कर दिया है। जल्द ही इस कार्यक्रम पूरे जनपद मे प्रारम्भ कर दिया जाएगा।

error: Content is protected !!