बरेली। आईवीआरआई (IVRI) के राजभाषा अनुभाग द्वारा परिसर में अहिन्दी भाषी छात्रों के लिए ”हिन्दी उन्मुखीकरण कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया। सोमवार से शुरू हुई यह कार्यशाला 30 अगस्त तक चलेगी।
मुख्य अतिथि संस्थान के कार्यवाहक निदेशक एवं संयुक्त निदेशक (शोध), डा.बी.पी.मिश्रा ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमें अपने शोध, तकनीकें, नैदानिक तथा अन्य जानकारी उसके अंतिम उपभोगकर्ता यानि किसान एवं पशुपालक तक पहुँचानी है तो यह आवश्यक है कि हम आम बोलचाल की भाषा में प्रयोग मे ंलायें जो उस क्षेत्र में अधिकाधिक बोली जाती हो।
संस्थान के इमरेटिस वैज्ञानिक डा. रमेश सोमवंशी ने कहा कि यह एक विभिन्न प्रकार की कार्यशाला है क्योंकि अहिन्दी भाषी छात्रों जो देश के विभिन्न प्रांतों से यहां आते हैं जिनकी भिन्न-भिन्न भाषा शैली होती है जिसकी वजह से उन्हें हिन्दी समझने में कई प्रकार की कठिनाई होती है। कई बार हमारे छात्र एक्सटेंशन प्रोग्राम के अन्तर्गत गांवों में जाते हैं जहां उन्हें हिन्दी में बात करने व समझने में कठिनाई होती है।
संस्थान राजभाषा कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष डा. विश्व बन्धु चतुर्वेदी ने कहा कि सन् 2014 में संस्थान के डा. रमेश सोमवंशी द्वारा सर्वप्रथम इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। तब से यह कार्यशाला लगातार प्रगति कर रही है। कार्यक्रम का संचालन राजभाषा अनुभाग की प्रभारी सुजाता जेठी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन इसी अनुभाग के सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी बाबू लाल मीणा द्वारा दिया गया। इस अवसर पर संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक, डा. एम. हक, डा. वी.के. चतुर्वेदी, डा. गीता चौहान, डा. शशि रानी, अंग्रेजी प्राध्यापक, प्रभारी एनएलवीएस, एस.एस. रावत, मुख्य सूचना अधिकारी डा. के.एन.काण्डपाल सहित छात्र एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन वास्तव में प्रशंसनीय भी है लाभदायक भी….
आइवर यूशिएल
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