छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में तैनात दिव्यांग ट्रेनी डिप्टी कलेक्टर हैं अनुराधा अग्रवाल जिनके सोनी टीवी पर प्रसारित हो रहे बहुचर्चित शो- कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) में भाग लेने पर विवाद उत्पन्न हो गया दरअसल डिप्टी कलेक्टर अनुराधा अग्रवाल ने KBC में लाखों रुपये जीतने के बाद लौट आईं तब जाकर उन्हें बता चला कि शासन ने केबीसी में शिरकत करने की अनुमति नहीं दी थी।यह एपिसोड 20 सितंबर को प्रसारित किया जाएगा।
ट्रेनी डिप्टी कलेक्टर अनुराधा अग्रवाल का चयन ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के लिए हुआ था। भोपाल में आरंभिक ऑडिशन पास करने के बाद उनको शूटिंग के लिए मुंबई बुलाया गया। अनुराधा दिव्यांग हैं और वॉकर के सहारे चलती हैं।उनके भाई किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं।उनको पैसे की सख्त जरूरत है। वह केबीसी से जीती हुई रकम से अपने भाई का इलाज कराना चाहती थीं।इसलिए उन्होंने केबीसी में जाने का फैसला किया।
अनुराधा के अनुसार उन्होंने कलेक्टर और संभागायुक्त के जरिये राज्य सरकार से अनुमति मांगी थी। समय पर पत्र नहीं मिला तो कलेक्टर से छुट्टी मांगी। कलेक्टर ने मुख्यालय छोड़ने की अनुमति तो दे दी लेकिन उनके आवेदन को सामान्य प्रशासन विभाग को फारवर्ड कर दिया।आवेदन के करीब एक महीने बाद अब जाकर सामान्य प्रशासन विभाग ने उनको कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। इस बीच वह केबीसी में शामिल भी हो गईं और अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठने का उनको मौका भी मिला।उन्होंने अच्छी-खासी रकम भी जीती। हालांकि मुंबई जाने से एक दिन पहले ही उनकी मां की मृत्यु हो गई।अंतिम संस्कार के बाद परिवार के आग्रह पर वह जाने को राजी हुईं।
सोशल मीडिया पर मचा बवाल
आवेदन के अमान्य की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल होने के साथ ही उनकी जमकर आलोचना होने लगी।राजनीतिक दल भी सरकार की आलोचना करने में जुट गए।विधायक अमित जोगी ने फेसबुक पोस्ट के जरिये आलोचना की। इन सबके चलते अनुराधा ने कहा कि जब तक उनको अनुमति नहीं मिलती तब तक वह अपने चेक को नहीं भुनाएंगी।बढ़ते विरोध के बीच मुख्यमंत्री रमन सिंह को हस्तक्षेप करना पड़ा और उसके बाद आखिरकार प्रशासन ने उनको अनुमति दे दी।इस मामले में अनुराधा का कहना है कि अब वह इस जीती हुई रकम से अपने भाई का इलाज कराएंगी।