बरेली। जनपद न्यायालय सभागार में बार एसोसिएशन की ओर से गुरुवार को हिन्दी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यहां मुख्य अतिथि जनपद न्यायाधीश राजाराम सरोज ने कहा कि हिन्दी वर्णमाला का पहला अक्षर ‘अ‘ से अपनपढ़ का संदेश देता है तो अंतिम अक्षर ‘ज्ञ‘ से ज्ञानी बनाता है। उन्होंने अधिवक्ताओं से हिन्दी में कार्य करने के संकल्प दिलाते हुए कहा कि हिन्दी हमारी मातृभाषा है। उन्होंने कहा कि न्यायिक अफसरों और अधिवक्ताओं को हिन्दी भाषा में न्यायिक कार्य करना चाहिए। इससे न्यायिक कार्य में हिन्दी को बढ़ावा और हिन्दी को सम्मान मिलेगा।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि हिन्दी कभी कमजोर नहीं थी। आज भी सामान्य बोलचाल में लोग हिन्दी का ही प्रयोग करते हैं। हिन्दी कभी कमजोर नहीं होगी। कहा कि हिन्दी दिवस को हिन्दी सम्मान दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए।
प्रेस क्लब अध्यक्ष पवन सक्सेना ने कहा कि हम आज भी भाषायी रूप से गुलामों की तरह जी रहे हैं। हमें हिन्दी बोलने और कार्य करने में गर्व का अनुभव करना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार डा. अशोक वैश्य ने कहा कि हिन्दी में साहित्यिक शब्दों की अपेक्षा सामान्य बोलचाल में सरल शब्दों के अधिक प्रयोग इसे अधिक लोकप्रिय करने में सहायक होगा।
इस अवसर पर अपर जिला जज राघवेंद्र कुमार, जितेंद्र सिन्हा, रविनाथ, सरला दत्ता, सैयद सरबर हुसैन रिजवी, वरिष्ठ अधिवक्त राधाकमल सारस्वत, सुरेन्द्र पाण्डेय ने भी विचार व्यक्त किये। कृष्णा राज, रमेश गौतम, कमल सक्सेना और मुरारी लाल सारस्वत ने काव्यपाठ किया। संचालन अपर जिला जज पंकज मिश्र ने किया। सभागार में बड़ी संख्या में पत्रकार, अधिवक्ता, साहित्यकार और न्याय कर्मी उपस्थित रहे।