बरेली। भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) में गुरुवार को हिन्दी पखवाड़ा-2017 का शुभारम्भ किया गया। यह आयोजन 14 से 28 सितम्बर तक चलेगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बरेली मंडल के आयुक्त डा. पी.व.ी जगनमोहन रहे। इस अवसर पर प्रश्नमंच प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। बताया गया कि पखवाड़े के दौरान एक दर्जन से अधिक प्रतियोगिताओं एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा।
अपने सम्बोधन में मंडलायुक्त डा. जगनमोहन ने कवि इकबाल की पंक्ति ”हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्तां हमारा“ से अपने भाषण की शुरूआत की। उन्होंने भारत सरकार के त्रिभाषा फार्मूला का समर्थन करते हुए कहा कि हिन्दी क्षेत्र में हिन्दी की उपेक्षा करना हमारा दुर्भाग्य है। आज हिन्दी पूरे विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में द्वितीय स्थान पर है। उन्होंने तमिल और हिन्दी भाषा में समान रूप से प्रचलित शब्दां की चर्चा करते हुए कहा कि हालांकि तमिल का साहित्य अति प्राचीन है परन्तु बहुसंख्यक लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा के कारण हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया। उन्होंने बच्चों को ज्यादा से ज्यादा भाषाएं सिखाने पर बल दिया। मुख्य अतिथि ने मोबाइल के लिए दूरभाष की तर्ज पर हस्तभाष शब्द के प्रचलन पर भी बल दिया।
संस्थान के निदेशक डा. राजकुमार सिंह ने कहा कि हिन्दी भाषी क्षेत्र में हिन्दी दिवस मनाना एक बिडम्बना है। आज-कल विभिन्न टी.वी. चैनलों पर चल रहे बहसों में उपयोग की जाने वाली भाषा का भी हाल अजीब है। कहा कि चीन में सन् 1942 से ही हिन्दी का पठन-पाठन किया जाता रहा है और चीन व्यवसायिक हित के लिए बड़ी संख्या में लोगों को हिन्दी में प्रशिक्षित कर रहा हैं। हमें वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थान बनाने के लिए हिन्दी पर विशेष ध्यान देना होगा। छात्रों को हिन्दी और अंग्रेजी दोनो समाचार पत्रों को पढ़ना चाहिए तथा हिन्दी को अपनी चेतना में उतारना चाहिए।
इस अवसर पर संस्थान संयुक्त निदेशकगण डा. वी.के. गुप्ता, श्री राकेश कुमार और विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक, अधिकारी, छात्र एवं कर्मचारीगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। समारोह में प्रश्नमंच प्रतियोगिता में विजयी सभी 30 प्रतियोगियों को पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता का संचालन परजीवी विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. पी.एस. बनर्जी, वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. हीरा राम तथा जीव रसायन विभाग के वैज्ञानिक डा. अजय कुमार ने किया।
समारोह में अतिथियों का स्वागत संस्थान राजभाषा कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष डा. विश्व बन्धु चतुर्वेदी, संचालन निदेशक के वैज्ञानिक सचिव डा. एस.वी.एस. मलिक तथा धन्यवाद ज्ञापन राजभाषा अनुभाग की प्रभारी श्रीमती सुजाता जेठी ने किया।