बरेली। दो सप्ताह चले भारत-अमेरिका सैन्य युद्ध अभ्यास-2017 का समापन अमेरिका के ज्वाइंट बेस लुईस माक्कोर्ड (वाशिंगटन) में बुधवार को हो गया। इस युद्धाभ्यास में अमेरिका सेना की 20वीं इन्फ़ेन्टरी खण्ड की पांचवी इन्फ़ेन्टरी बटालियन और भारत की 2/11 गोरखा रायफल की दूसरी बटालियन ने भाग लिया था। यह जानकारी यहां गरुड़ डिवीजने के लेफ्टिनेण्ट कर्नल गौरव सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि युद्धाभ्यास-2017 एक वार्षिक युद्ध अभ्यास है जो की सुरक्षा के लिहाज से सैन्य साझदारी को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों के बीच किया जाता है। अभ्यास के दौरान, दोनों देशों के आधुनिक उपकरणों जैसे विशेष हथियार, विस्फोटक, आई.ई.डी डिटेक्टरस और संचार उपकरणों को मैदान मे उतारा गया। प्रशिक्षण का केंद्र बिन्दु शहरी वातावरण मे विद्रोह और आतंकी कार्यविधि का अभ्यास प्रशिक्षण किया गया। हलिकॉप्टर द्वारा क्विक रेस्पॉन्स का अभ्यास भी किया गया। आरंभ में मैदानी अभ्यास प्लाटून के स्तर पर शुरू हुआ जो बाद में कम्पनी स्तर तक पहुच गया।
बताया कि सैनिकों को प्लाटून समान टीमों में बांटा गया। प्रत्येक प्लाटून को लुईस शहर के चारों और बिखेर दिया और दुश्मन के लक्ष्य पर हमला करना सिखाया गया जो कि एक बनावटी प्रक्रिया थी। सभी सैनिकों ने सुनियोजित कार्यप्रणाली को बखूबी अंजाम दिया।
दोनों देशों की सेनाओं ने एक दूसरे की दक्षता और अनुभव प्लाटून और कम्पनी स्तर की कार्यप्रणाली संचालित कर प्राप्त की। इसके अलावा भरतीय टुकड़ी ने प्रत्यक्ष रूप से ’स्ट्रीकर’ लड़ाकू गाड़ी के साथ अभ्यास किया और अमेरिकी सेना को एक इन्फ़ेन्टरी टुकड़ी की पर्वतीय भू भाग में अभ्यास से अवगत कराया गया। अभ्यास के दौरान क्रिकेट और फुटबाल का खेल भी खेला गया। एक समापन समारोह के द्वारा दोनों देशों के बीच समृद्ध भागीदारी को दर्शाया गया और दो सप्ताह चले इस आयोजन का समापन हुआ।