नयी दिल्ली । भारतीय रेलवे बोर्ड ने अब फैसला किया हैं कि रेल का सफर पाइन और लेमन ग्रास की खुशबू से सुखद और सुहाना होने वाला हैं दरअसल रेल मंत्री ने यह फैसला भारतीय ट्रेनों में बदबू की शिकायत के बाद लिया हैं।
बता दें भारतीय ट्रेनों में घुसते ही बदबू की शिकायत साफ-सफाई की आए दिन शिकायत मिलती है। इससे यात्रियों को निजात दिलाने के लिए भारतीय रेलवे ने तरीका निकाला है। रेलवे के कार्यालय एवं ट्रेन अब पाइन और लेमन ग्रास (एक प्रकार का पौधा) की तरह महकेंगे। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इन स्थानों पर अजीब गंध पर आपत्ति प्रकट की थी जिसके बाद रेलवे बोर्ड ने बदबू-कीटाणुनाशक बदलने का फैसला किया है। पांच अक्टूबर को जारी परिपत्र में रेलवे बोर्ड ने कहा है कि रेल मंत्री ने रेलवे कार्यालयों और ट्रेनों में अच्छी गंध वाले कीटाणुनाशकों के इस्तेमाल पर बल दिया है।
परिपत्र में कहा गया है, ‘रेल मंत्री ने 11 सितंबर और 3 अक्टूबर, 2017 को हुई बैठकों में इस बात पर बल दिया कि रेलवे कार्यालयों और ट्रेनों में फिलहाल फिनोलिक जैसे जिस कीटनाशक द्रव्य इस्तेमाल किया जाता है, उससे अजीब बदबू आती है, ऐसे में उसके स्थान पर अच्छे गंध वाले कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाए।’
परिपत्र में यह भी सुझाव दिया गया है कि पाइन, लेमन ग्रास या किसी अन्य अच्छे गंध वाले कीटनाशक, जिनका रेल के कुछ विभागों में इस्तेमाल किया जा रहा है, जैसे विकल्पों पर विचार किया जाना चाहिए।
बोर्ड ने कहा है कि उसने तय किया है कि रेलवे परिसरों या ट्रेनों में जहां भी कीटनाशक की जरुरत है वहां वैकल्पिक प्रकार के कीटनाशक खरीदे जाएं। ऐसे में अब रेलवे कार्यालय, अस्पताल, स्टेशन, कोचिंग डिपो एवं ट्रेन में शीघ्र ही पाइन या लेमन ग्रास जैसी खुशबू आ सकती है।
रेल मंत्रालय ने रेलवे में VIP कल्चर को खत्म करने पर जोर दे रहा है। मंत्रालय ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए 36 साल पुराने एक प्रोटोकॉल को खत्म कर दिया है जिसमें महाप्रबंधकों के लिए जरूरी था कि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और बोर्ड के अन्य सदस्यों की क्षेत्रीय यात्राओं के दौरान उनके आगमन और प्रस्थान के समय मौजूद रहें। इसके साथ ही सभी आला अधिकारियों को अपने घरों में घरेलू कर्मचारियों के रूप में लगे रेलवे के समस्त स्टाफ को मुक्त करना होगा।
मंत्रालय में वीआईपी संस्कृति को समाप्त करने के लिए रेलवे बोर्ड ने 1981 के एक सर्कुलर में जारी निर्देशों को समाप्त करने का फैसला किया है जिसमें इस तरह का प्रोटोकॉल था। मंत्रालय ने 28 सितंबर को एक आदेश में कहा कि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और बोर्ड के अन्य सदस्यों की यात्राओं के दौरान हवाईअड्डों और रेलवे स्टेशनों पर अपनाए जाने वाले प्रोटोकॉल के संबंध में रेलवे को जारी निर्देश तथा दिशानिर्देशों को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है।