बरेली। समाजवादी पार्टी ने महापौर पद के प्रत्याशियों का सबसे पहले ऐलान कर दिया है। बरेली में निवर्तमान महापौर डॉ. आइएस तोमर को टिकट दिया गया है। डा. तोमर का टिकट फाइनल होने की सूचना मिलते शहर के सपाइयों में हर्ष की लहर दौड़ गयी। इन लोगों ने एक दूसरे का मुंह मीठा कराकर खुशी जाहिर की। बता दें कि बरेली से नौ दावेदारों ने आवेदन किया था, लेकिन डॉ. तोमर अपने व्यक्तित्व और कार्यों के दम पर पार्टी नेतृत्व का भरोसा जीतने में सफल रहे।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सिटिंग कैण्डिडेट्स के टिकट न काटने के संकेत दिये हैं। इसके बाद निवर्तमान चेयरमैन और पार्षद भी खुश हैं, लेकिन नए दावेदारों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। बरेली की चार नगर पालिका में से आंवला, 15 नगर पंचायतों में से 12 पर सपा का कब्जा है। डॉक्टरी पेशे से जुड़े निवर्तमान महापौर डॉ. तोमर ने वर्ष 2001 में सियासत में कदम रखा था। भाजपा से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। वर्ष 2007 में महापौर की सीट सामान्य महिला को आरक्षित हो गई। इसलिए चुनाव नहीं लड़े। वर्ष 2012 में सामान्य पुरुष होने पर फिर चुनाव लड़े। सपा ने डॉ.आइएस तोमर को चुनाव चिन्ह नहीं दिया था, लेकिन पार्टी का समर्थन था। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी गुलशन आनंद को लगभग 20 हजार मतों से हराया था।
अब इस बार पार्टी से डॉ. तोमर का टिकट होते ही सपाइयों ने जश्न मनाया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव, महानगर अध्यक्ष कदीर अहमद, सत्येंद्र यादव, दीपक शर्मा, हैदर अली, इकबाल रजा, अली खान, प्रमोद यादव, दिनेश यादव आदि मौजूद थे।
फिर मायूस हुए डा. अनिल शर्मा
महापौर पद का टिकट डॉ. अनिल शर्मा ने भी मांगा था। उनके पक्ष में एक पूर्व मंत्री समेत दर्जन भर नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास पहुंचे। इन लोगों ने अपनी बातें रखी। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने टिकट घोषित करने के दौरान ख्याल रखने की बात कही थी, लेकिन पार्टी ने निवर्तमान महापौर और चेयरमैन का टिकट कायम रखने का फैसला लिया। इसलिए डॉ. तोमर को टिकट मिल गया। बता दें कि पिछली बार भी डॉ. अनिल शर्मा की पत्नी रजनी शर्मा चुनाव लड़ रही थीं, लेकिन अंतिम समय में कट गया था। इसके बाद बरेली-रामपुर एमएलसी का टिकट मिला था। अंतिम समय में यह भी कट गया। उनसे बात करने की कोशिश की। मगर, उनका फोन नहीं उठा।