बरेली (Bareilly)। बीते चार दिन जिले में राजस्व विभाग के लिए बेहद खराब रहे हैं। इन दिनों में बरेली में एक भी रजिस्ट्री नहीं हुई। परिणामस्वरूप सरकार को दो करोड़ से ज्यादा के राजस्व की हानि हुई है। रजिस्ट्री न होने का कारण है सर्वर का डाउन होना। इससे नाराज कातिब हड़ताल पर चले गये हैं और रजिस्ट्री दफ्तर के गेट पर धरने पर बैठ गये। मामले की सूचना जिलाधिकारी और AIG स्टाम्प ने सरकार को भेज दी है। फिलहाल समस्या जल्द सुलझने के आसार कम ही लग रहे हैं।
अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में शासन ने 28 जिलों के 139 रजिस्ट्री करने वाले ऑफिसों को ऑनलाइन रजिस्ट्री से जोड़ दिया। लोड बढ़ते ही सर्वर जवाब दे गया। चार दिन से सर्वर डाउन है। लोग परेशान हैं। गुरूवार को भी हालत के जस के तस रहे। दस्तावेज लेखक (कातिब) तीसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। रजिस्ट्री ऑफिस के गेट पर ताला डाल दिया। गुरूवार को लोग रजिस्ट्री कराने के लिए भटकते रहे। तहसील सदर के दोनों सब रजिस्ट्रार ऑफिस और आंवला तहसील में एक भी रजिस्ट्री नहीं हो सकी। जबकि दूसरी तहसीलों में भी एक-दो रजिस्ट्री ही हो पाईं। सर्वर डाउन होने से सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ है। चार दिन में दो करोड़ से अधिक का राजस्व का नुकसान हो गया है। बरेली में प्रॉपर्टी के बैनामों से रोजाना 50 से 55 लाख रुपये का राजस्व आता है। डीएम और एआईजी स्टांप ने लखनऊ अफसरों को पूरा मामला बताया। अधिकारी समस्या के समाधान का इंतजार कर रहे हैं। कातिब मैन्युअल रजिस्ट्री दोबारा शुरू कराने की मांग कर रहे हैं।
डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह केअनुसार सर्वर डाउन होने से रजिस्ट्री नहीं हो पा रहीं हैं। पब्लिक को दिक्कत हो रही है। राजस्व का भी नुकसान है। हमनें शासन को रिपोर्ट भेज दी है। जल्द कोई समाधान निकाल लिया जाएगा।
एआईजी स्टांप ओपी सिंह ने बताया -डीआईजी को बता दिया है। डीआईजी इस योजना के नोडल अधिकारी है। डीआईजी ने प्रमख सचिव को पूरा मामले की जानकारी दे दी है। शासन के फैसले के इंतजार है।
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