बरेली। तमाम उहापोह, चिन्तन और मन्थन के बाद भारतीय जनता पार्टी ने बरेली मेयर पद के लिए उमेश गौतम के नाम पर ही अंतिम मुहर लगायी। मंगलवार देर रात यह फैसला लिया गया। इससे पूर्व शाम को शहर के एक हड्डी रोग विशेषज्ञ डा.राघवेन्द्र के नाम पर जोरदार पैरवी भी हुई और एक बारगी उनका नाम फाइनल सा हो गया था। लेकिन अंतिम क्षणों में फाइनली उमेश गौतम टिकट पाने में सफल रहे। वह देर रात लखनऊ से बरेली रवाना हो गये।
यहां बता दें कि भारतीय जनता पार्टी का एक धड़ा उमेश गौतम का जबर्दस्त विरोध कर रहा था। जिसकी अगुवाई केन्द्रीय मंत्री भी कर रहे थे लेकिन भाजपा के बड़े नेता भवानी सिंह, बीएल वर्मा की नजदीकियों का लाभ उन्हें मिला। हालांकि बरेली भाजपा में ही एक गुट उमेश की जबर्दस्त पैरवी कर रहा था।
डा. तोमर और उमेश गौतम होंगे आमने-सामने
उमेश गौतम का विरोध सॉलिड वेस्ट मैनेजमेण्ट प्लाण्ट को बंद होने को लेकर भी था। क्योंकि प्लाण्ट बंद होने से शहर के कूड़े का निस्तारण नहीं हो पा रहा था और शहर में ट्रंचिंग ग्राउण्ड के लिए जगह खोजनी भारी पड़ रही थी। हालांकि इसे उमेश के अपने तर्क हैं। उनका कहना है कि यह प्लाण्ट शहरवासियों को बीमारियों से बचाएगा लेकिन उनके बच्चों को बीमार करेगा। ऐसे में दो शिक्षा संस्थानों के बीच इस प्लाण्ट का कोई औचित्य नहीं है।
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेण्ट प्लाण्ट को लेकर नगर प्रमुख डा. आई.एस तोमर और उमेश गौतम आमने सामने रहे हैं। अब यही दोनो (समाजवादी पार्टी से डॉ. तोमर और भाजपा से उमेश गौतम) मेयर सीट पर भी आमने-सामने होंगे। देखना यह है कौन बनता है मेयर और कहां जाता है सॉलिड वेस्ट मैनेजमेण्ट प्लाण्ट? कब मिलेगी शहरवासियों को कूड़े से मुक्ति?