उर्स-ए-आला हज़रातबरेली। इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी उर्फ आला हजरत का उर्स शुरू हो गया। तीन रोजा उर्स के पहले दिन आज सोमवार को दरगाह पर देश-विदेश से आये जायरीनों के पहुंचने का सिलसिला बरकरार है। शहर के चारों ओर से चादरों का जुलूस भी दरगाह पर हाजिरी दे रहा है।शहर के मोहल्ला सौदागरान स्थित दरगाह आला हजरत पर मन्नत के लिए बड़ी संख्या में जायरीन बरेली पहुंच चुके है।

परचम कुशाई से हुआ आगाज

उर्स-ए-रजवी का आगाज होते ही सोमवार को सड़कों पर रजवी परचम लहरा उठा। अकीदतमंद का सैलाब उर्स में देखने को मिला। शहर के मुख्य मार्गों से दिन भर परचम कुशाई का जुलूस का दौर चलता रहा, जो देर रात तक जारी रहा। शाम को दरगाह प्रमुख सुब्हान रजा खां (सुब्हानी मियां) ने 99वां तीन रोजा उर्स की रस्म अदा की। उर्स स्थल इस्लामियां ग्राउंड पर परचम कुशाई की रस्म देश-विदेश से आए काफी संख्या में जायरीन, उलेमा, शोहरा की मौजूदगी में अदा की गई। परचम कुशाई जुलूस का जगह-जगह फूलों से स्वागत कर आला हजरत जिंदाबाद, उर्स-ए-रजवी जिंदाबाद के नारों से गूंज उठा।

दरगाह प्रवक्ता मुफ्ती मो. सलीम नूरी ने बताया कि सोमवार को फज्र नमाज के बाद रजा मस्जिद में कुरानख्वानी हुई। दिन में नातो मनकवत का दौर चला। आजम नगर हाजी अल्लाह बख्श के निवास से परचमी जुलूस सज्जादानशीन अहसन मियां की कयादत में दरगाह पहुंचा। इससे पहले फातिहा व दुआ की गई। जुलूस अपने कदीमी रास्तों से कुमार टाकीज, इंदिरा मार्केट के रास्ते दरगाह पहुंचा। यहां सलामी देने के बाद जुलूस दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां की कयादत में इस्लामियां ग्राउंड पहुंचा। उर्स प्रभारी सय्यद आसिफ मियां ने बताया कि परचम कुशाई की रस्म के वक्त उर्स स्थल पर अकीदत की भीड़ उमड़ पड़ी।

कई जगह से निकला चादरों का जुलूस

टीटीएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अजमल नूरी, परवेज नूरी, हाजी जावेद खां ने बताया कि उर्स में शाम को कई जगहों से चादरों का जुलूस दरगाह आला हजरत पर अकीकदतमंदों ने पेश की। ठिरिया निजावत खां से चला चादर और रजाकारों का काफिले ने शहर को कुछ देर के लिए थाम दिया। चौकी चौराहे, अयूब खां और नावल्टी चौराहे के आसपास वाहनों के पहिए थम गए। आला हजरत के नारे लगाते हुए अकीदतमंद चादरों को जुलूस लेकर दरगाह आला हजरत पहुंचे। जहां पर चादरपोशी की रस्म अदा की गई। इस मौके पर मुफ्ती मोहम्मद आकिल, मुफ्ती मो. अफरोज़ आलम, मुफ्ती सय्यद कफील अहमद, डा. एजाज अंजुम, कारी अब्दुर्रहमान खां, मुफ्ती अनवर अली, मुफ्ती मोईन खां आदि ने उर्से रज़वी की अहमियत पर रौशनी डाली।

 

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