भूख से मौत बरेली। फतेहगंज पश्चिमी के वार्ड 15 मोहल्ला भोलेनगर की निवासी सकीना (55) की मौत भूख से नहीं हुई थी। प्रशासन ने भूख से मौत के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है। प्रशासन की जांच में भूख से मौत होने की पुष्टि नहीं हुई है।

पिछले महीने कोटेदार ने दिया था 35 किलो राशन

मीरगंज एसडीएम और डीएसओ की जांच में बुजुर्ग महिला की बीमारी से मौत होने की बात सामने आई है। महिला के अन्त्योदय कार्ड पर पिछले महीने कोटेदार ने 35 किलो राशन दिया था।

सकीना के पति इशहाक अपने छोटे बेटे शमशाद के साथ फतेहगंज पश्चिमी के भोले नगर में झुग्गी डालकर रहते हैं। इशहाक का बड़ा बेटा किच्छा में मजदूरी करता है। बड़े बेटे की पत्नी और बच्चे भी किच्छा में रहते हैं। गरीबी की हालत को देखते हुए सकीना का अन्त्योदय कार्ड बनाया गया था। हर महीने बायोमेट्रिक मशीन से फिंगर प्रिंट लेकर राशन भी दिया जाता था। पिछले महीने सात अक्तूबर को 15 किलो चावल और 20 किलो गेहूं राशन कार्ड पर दिए गए।

एसडीएम, डीएसओ ने की जाँच

महीने से सकीना बीमार थी। पैरालिसिस होने की वजह से हालत और बिगड़ गई। गरीबी की वजह से बेहतर इलाज भी नहीं मिल सका। मंगलवार सुबह छह बजे सकीना की मौत हो गई। अंतिम संस्कार करने के बाद मंगलवार रात को सकीना की मौत भूख से होने की चर्चा शुरू हो गई। बुधवार सुबह डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अफसरों की टीम गांव भेज दी। एसडीएम, डीएसओ और नायब तहसीलदार ने जाकर पड़ताल की। कोटेदार का रिकार्ड देखा। पड़ोसियों से बात की। बीमारी के बारे में पूछताछ की। पड़ताल के बाद अधिकारियों ने रिपोर्ट डीएम को भेज दी।

डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि फतेहगंज पश्चिमी में महिला की मौत भूख से नहीं हुई है। परिवार गरीब है। कोटेदार लगातार गरीबों को राशन दे रहा है। जांच में इसकी पुष्टि हुई है। महिला बीमार थी। बीमारी ही सकीना की मौत का कारण बनी।

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