नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 में करारी पराजय के बाद कांग्रेस ने तय किया है कि वह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए दावा नहीं करेगी। दरअसल, इस पद के लिए कि लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल की कम से कम 54 सीटें (कुल लोकसभा सीटों की 10 प्रतिशत) होनी आवश्यक हैं। चूंकि कांग्रेस को इस बार सिर्फ 52 सीटें मिली हैं, इसी के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। कांग्रेस ने इस पद के लिए फैसला अब सरकार पर छोड़ दिया है। गौरतलब है कि कांग्रेस को 2014 के चुनाव में इससे भी कम सिर्फ 44 सीटें मिली थीं और तब भी उसे नेता प्रतिपक्ष का ओहदा नहीं मिल पाया था।
शनिवार को यहां पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “लोकसभा में जरूरी 54 सीटों से दो सीटें कम होने के कारण हम लोकसभा में विपक्ष के नेता पद के लिए दावा नहीं करेंगे।” यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस अन्य दलों के साथ मिलकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए दावा करेगी? उन्होंने कहा, “नवनिर्वाचित संसदीय दल पार्टी की रणनीति तय करेगा।”
इससे पहले लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को पार्टी के संसदीय दल का नेता चुना गया। हालांकि लोकसभा में विपक्ष के नेता पद पर संदेह बरकरार है। कांग्रेस ने इसका निर्णय लेने के लिए सोनिया गांधी को अधिकृत किया है। इससे पहले सूत्रों ने बताया था कि सोनिया गांधी ही लोकसभा में भी पार्टी की नेता होंगी।