बरेली। आईसीयू में लगी आग से वहां भर्ती दो मरीजों की मौत के बाद प्रशासन ने शुक्रवार को साईं अस्पताल सील कर दिया। प्रशासन की जांच में अस्पताल मरीजों के लिए असुरक्षित पाया गया। प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने अस्पताल का शटर गिरा दिया। जिस समय अस्पताल पर ताला जड़ा जा रहा था, वहां मौजूद डॉक्टर और कर्मचारी रोने लगे। ऐहतियात के तौर पर अस्पताल के बाहर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
बता दें कि बीती 15 जनवरी को साई अस्पताल के आईसीयू में आग लग गयी थी। इस हादसे में वहां दो मरीजों की मौत हो गई थी। घटना के बाद प्रशासन ने मानकों की जांच करायी तो बिजली विभाग और आग से निपटने के इंतजाम सही नहीं मिले। जांच रिपोर्ट में अस्पताल असुरक्षित होने की बात कही गयी। इसके बाद प्रभारी डीएम व सीडीओ सत्येन्द्र कुमार ने अस्पताल को सील करने के आदेश दे दिये।
गुरुवार की रात नाकाम रही थी प्रशासन की टीम
गुरुवार की रात प्रशासन की टीम अस्पताल को सील करने पहुंची मगर डॉक्टरों के तीखे विरोध के चलते नाकाम रही। टीम अस्पताल प्रशासन को सुबह 11 बजे तक का वक्त देकर लौट आई। शुक्रवार की सुबह अस्पताल से मरीजों की शिफ्टिंग शुरू कराई गई।
दोपहर करीब तीन बजे अस्पताल पहुंचे एसीएम अरुण मणि त्रिपाठी, एसीएमओ डा. अशोक कुमार और सीओ द्वितीय नीति द्विवेदी ने फोर्स के साथ अस्पताल के सभी कमरों की जांच की। सभी मरीजों, तीमारदारों और अन्य लोगों को बाहर निकालने के बाद करीब 3ः30 बजे अस्पताल का गेट बंद करके सील लगा दी गई। अस्पताल बंद होते देख वहां उपस्थित डॉक्टर और कर्मचारी फफक कर रोने लगे।
जांच में सहयोग करेगा IMA : डॉ. प्रमेन्द्र माहेश्वरी
आईएमए अध्यक्ष डॉ. प्रमेन्द्र माहेश्वरी का कहना है घटना दुभाग्यपूर्ण है। डॉक्टर्स सभी मरीजों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील हैं। आईएमए जांच में प्रशासन का पूरा सहयोग करेगा, जिससे अस्पताल जल्दी खुल सके और मरीजों का इलाज फिर शुरू कराया जा सके।