बरेली। होली रंगों और मेल-मिलाप का त्योहार है। इसके सामाजिक के साथ ही अनेक धार्मिक और लोकमान्य रिवाज भी हैं। इन्हीं में से एक है होली के अगले दिन धुलेन्डी को होलिका की भस्म को उड़ाकर धुलेन्डी मनाना या फिर होलिका भस्म को घर लेकर आना।
जानिये, यह भस्म अपने घर क्यों लेकर आते हैं और क्या है इसका महत्व ?
लोक मान्यता है कि –
1- मान्यता है कि होली की भस्म शुभ होती है और इसमें देवताओं की कृपा होती है। इस भस्म को माथे पर लगाने से भाग्य अच्छा होता है और बुद्धि बढ़ती है।
2 – माना जाता है कि होली की बची हुई अग्नि और भस्म को अगले दिन प्रातः घर में लाने से घर को अशुभ शक्तियों से बचाने में सहयोग मिलता है।
3- एक मान्यता यह भी है कि भस्म में शरीर के अंदर स्थित दूषित द्रव्य सोख लेने की क्षमता होती है, इस कारण पर भस्म लेपन करने से कई तरह के चर्म रोग नहीं होते हैं।
4- कई लोग होली की भस्म लाकर ताबीज में भरकर बाधंते हैं। माना जाता है इससे घर में बुरी आत्माओं का प्रभाव नहीं होता और न ही किसी प्रकार के तंत्र मंत्र से नुकसान होता।
भस्म का लेपन करते समय मंत्र का जाप करना शुभ माना गया है-
वंदितासि सुरेन्द्रेण ब्रह्मणा शंकरेण च।
अतस्त्वं पाहि मां देवी! भूति भूतिप्रदा भव।।