आंवला (बरेली)। आंवला से होकर गुजरने वाली विलुप्त हो चुकी अरिल नदी को संजीवनी देकर पुनर्जीवित करने की मुहिम तेज हो गयी है। इसके तहत शनिवार को जिलाधिकारी आर विक्रम सिंह आंवला के लोहारी में आरिल नदी पर पहुंचे। उन्होंने यहां मनरेगा के तहत कराए जाने वाले कार्य का स्वयं फावड़ा लेकर शुभारम्भ किया। इस दौरान सीडीओ सत्येन्द्र कुमार व उपजिलाधिकारी ममता मालवीय भी मौजूद रहीं। बता दें कि अरिल नदी का जीर्णोद्धार क्षेत्रीय विधायक एवं प्रदेश के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह की महत्वाकांक्षी योजना के तहत किया जा रहा है।
136 किलोमीटर में फैली है अरिल
करीब 136 किमी के बीच वहने वाली अरिल नदी के पुनर्जीवित हो जाने से आसपास के विधानसभा क्षेत्र के करीब 3 दर्जन गांवों के किसानो को इसका लाभ मिलेगा। अरिल नदी की अविरल धारा से किसानों की फसल की सिंचाई हो सकेगी। क्षेत्र के किसानों के पास सिंचाई के साधन के रूप में मात्र सरकारी अथवा निजी नलकूप ही है ऐसे में इस नदी के सदानीरा रहने से क्षेत्र के किसानों का काफी लाभ होगा।
तीन जिलों के बीच से होकर गुजरती है नदी
बताया जाता है कि करीब 15 सालो पहले अरिल नदी में भरपूर जल था। बाद मेंं यह सूखती चली गयी तथा इसकी भूमि पर अवैध कब्जे भी हो गए। इस ओर अन्य सरकारों ने भी ध्यान नहीं दिया। रामपुर जिले से निकलने वाली यह नदी आंवला के ब्लाक रामनगर, आलमपुर जाफराबाद व मझगवां से होते हुए दातागंज के क्षेत्र तक जाती है। मनरेगा के तहत इसकी खुदाई कर जीणोद्धार किया जा रहा है। साथ ही क्षेत्र की पैमाइश कराई जा रही है।
हटाए जाएंगे अवैध कब्जे
जिलाधिकारी आर विक्रम सिंह ने बताया कि अरिल नदी के क्षेत्र की पैमाइस की जा रही है, इस क्षेत्र मेंं आने वाले अवैध कब्जों को भी तुरंत हटाया जाएगा ताकि नदी की अविरल धारा को कोई बाधित न कर सके।