एनएमसी के खिलाफ सड़क पर डॉक्टर्सबरेली। आइएमए के बैनर तले डॉक्टर्स और मेडिकल के विद्यार्थी रविवार को शहर की सड़कों पर पदयात्रा निकालकर एनएमसी यानि नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का विरोध किया। रैली के बाद केन्द्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार और सांसद धर्मेन्द्र कश्यप ज्ञापन सौंपा।

पदयात्रा आइएमए भवन से पटेल चौक तक निकाली गयी। आइएमए अध्यक्ष डॉ.प्रमेंद्र महेश्वरी के नेतृत्व में निकाली गयी इस रैली में चिकित्सकों का कहना था कि नेशनल मेडिकल कमीशन के तहत लाया जा रहा केंद्र सरकार का ये बिल निजी मेडिकल कॉलेजों के लिए है। नेशनल मेडिकल कमीशन मेडिकल शिक्षा को कारपोरेट ग्रुप्स के हाथों में सौंपने का प्रयास है।

एनएमसी के खिलाफ सड़क पर डॉक्टर्समंत्री को बताईं एनएमसी की खामियां

ज्ञापन में एनएमसी की खामियों को बखूबी गिनाया गया है।

1-ब्रिज कोर्स के अनुसार किसी भी स्ट्रीम के स्नातक छह महीने के ही प्रशिक्षण के बाद एलोपैथिक अभ्यास शुरू कर सकते हैं। यह लोगों की जान से खिलवाड़ साबित होगा।

2-अपनी मनमानी फीस तयकर निजी क्षेत्र के लिए उपलब्ध सीटों को कोटा बढ़ाने की जगह यह सरकारी कोटों में उपलब्ध सीटों को कम कर देगा। इससे भविष्य में बच्चों की डॉक्टर बनने की महत्वाकांक्षा खत्म हो जाएगी।

3- फिलहाल हर राज्य में एक एलोपैथिक चिकित्सक का प्रतिनिधित्व होता है। एनएमसी में प्रतिनिधित्व एक रोटेशन के आधार पर पांच सदस्यीय राज्यों के लिए प्रतिबंधित है।

4-एग्जिट एग्जाम के रूप में परीक्षा देकर चिकित्सा के लिए योग्य होना आपके बच्चों को मानसिक रूप से कष्ट प्रदान करने वाला है।

5- मेहनत से कमाए गए धन को हथियाने के लिए मनी स्पिनिंग एग्जिट एग्जाम के सेंटर चला रहे हैं।

6- एनएमसी में केवल गैर चिकित्सीय सदस्यों द्वारा ही चिकिस्ता जगत पर राज किया जाएगा।

7- ब्रिज कोर्स के नाम पर नीम-हकीम बनेंगे।

8- एग्जिट एग्जाम के नाम पर चिकित्सा स्नातकों का शोषण होगा।

9- सरकारी कोटे को कम करके और पेड प्राइवेट कोटे को बढ़ाकर गरीब मेधावी से खिलवाड़ होगा।

10- चिकित्सा शिक्षा गैर चिकित्सीय लोगों के हाथों में चली जाएगी।एनएमसी के खिलाफ सड़क पर डॉक्टर्स एनएमसी के खिलाफ सड़क पर डॉक्टर्स

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