बरेली। कर्मचारी राज्य बीमा निगम यानि ईएसआईसी के सीबीगंज स्थित अस्पताल अब केवल कर्मचारियों का ही नहीं आम नागरिकों का भी इलाज करेगा। केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने को शनिवार को राज्य सरकार के इस उपक्रम को केन्द्रीय निगरानी में हस्तांतरित करने की घोषणा की। बता दें कि इस अस्पताल की स्थापना 1987 में की गयी थी। अपनी स्थापना के बाद से ही यह बहुत उपयोगी सिद्ध नहीं हो पा रहा था।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री संतोष गंगवार ने शिलापट बोर्ड के अनावरण के बाद फीता काटकर यह हस्तान्तरण किया। अस्पताल के नवनियुक्त चिकित्सा अधीक्षक डॉ. चरणजीत सिंह, भारत सरकार में ईएसआइसी के महानिदेशक राजकुमार, आइएसआइसी कानपुर मुख्यालय के अपर आयुक्त एसी त्रिपाठी, महापौर डॉ. उमेश गौतम और विधायकों के साथ पूरे अस्पताल का निरीक्षण किया।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री गंगवार ने कहा कि इस अस्पताल को प्रदेश सरकार सही से नहीं चला पा रही थी, इसीलिए केंद्र को सौंपने का प्रस्ताव रखा। इसे मॉडल ईएसआइ अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस अस्पताल को केंद्र को सौंपे जाने की प्रक्रिया के तहत बीती 10 मार्च को केंद्र में ईएसआइसी के महानिदेशक और राज्य में श्रम विभाग के सचिव के मध्य करार पर हस्ताक्षर व दस्तावेजों का हस्तांतरण हुआ था।
मेडिकल कॉलेज बने मॉडल अस्पताल
श्रम राज्यमंत्री ने वाराणसी, कानपुर के जाजमऊ, मिर्जापुर, आगरा के छिपीटोला, सीतापुर और हापुड़ स्थित ईएसआइ अस्पतालों के नवीनीकरण और मॉडल हॉस्पीटल के तौर पर विकसित करने की घोषणा की।
शहर विधायक डॉ. अरुण कुमार ने साढ़े तीन एकड़ में फैले ईएसआइ अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित करने की मांग रखी। महापौर उमेश गौतम ने कहा कि यह बड़ा प्रोजेक्ट था। काम शुरू होने और फिर उसे पूरा होने में कुछ वक्त तो लगता ही है।
ये लोग रहे मौजूद
समारोह में बहेड़ी क्षेत्र के विधायक छत्रपाल सिंह गंगवार, भोजीपुरा के विधायक बहोरन लाल मौर्य, मीरगंज के डीसी वर्मा, स्थानीय पार्षद व अन्य लोग मौजूद थे।