नयी दिल्ली। अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर तीखा और विवादित बयान दिया है। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ’राहुल गांधी जी अक्ल से पैदल हैं क्या? उनको ये समझना चाहिए कि भोले-भाले भारतीयों के डाटा चोरी (फेसबुक डाटा लीक मामला) का गंभीर अपराध हुआ है और यदि उसमें शामिल लोगों का पर्दाफाश हो रहा है तो इसमें उनको क्या प्रॉब्लम है?’
Rahul Gandhi Ji akal se bilkul paidal hain kya? He should think over it, a grave crime of innocent Indians' data theft is being committed & if people involved in this are being exposed, he has a problem?: MA Naqvi on Rahul Gandhi's tweet pic.twitter.com/WDCi0xs1Wq
— ANI (@ANI) March 22, 2018
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि सरकार डाटा लीक मामले का सहारा लेकर 39 भारतीयों की इराक में मारे जाने की घटना को दबा रही है। सरकार का झूठ पकड़ा गया है।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ’इराक में 39 भारतीयों की मौत की घटना का समाधान कुछ इस तरह निकलता है कि मीडिया कांग्रेस और डाटा चोरी पर स्टोरी बनायें। समस्या का परिणाम यह निकलता है कि मीडिया से 39 भारतीयों की मौत की खबर रडार से गायब हो गए और अब समस्या का समाधान हो गया।’ मालूम हो कि इराक में 2014 में 40 भारतीय लापता हो गए थे, जिनमें से मंगलवार को 39 की हत्या की पुष्टि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने की थी। उन्होंने बताया था कि शवों की पहचान डीएनए के मिलान से की गई थी।
Problem: 39 Indians dead; Govt on the mat, caught lying.
Solution: Invent story on Congress & Data Theft.
Result: Media networks bite bait; 39 Indians vanish from radar.
Problem solved.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 22, 2018
फेसबुक के पांच करोड़ यूजर्स की जानकारियां लीक
सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक विवादों में घिर गई है। इसके पांच करोड़ यूजर्स की जानकारियां लीक हो गई हैं। फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने भी इस मामले में गलती मानते हुए कहा है कि यूजर्स के डाटा की सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है लेकिन इस तरह की चूक हुई है। दरअसल कहा जा रहा है कि ब्रिटेन की कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी ने इस जानकारी को या तो चुराया या फेसबुक से खरीदा। इस मामले की जांच हो रही है। कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी इलेक्शन कंसल्टेंसी फर्म है। यह चुनावी अभियान के लिए संभावित वोटरों का प्रोफाइल तैयार करती है।
कहा जा रहा है कि 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में फेसबुक से मिले इस डाटा का इस्तेमाल कर उसने सोशल मीडिया में डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में माहौल बनाया। भारत में भी बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे पर इसकी सेवाएं लेने का आरोप लगा रही हैं। इस बीच पिछले एक हफ्ते में डाटा लीक होने की घटना सार्वजनिक होने के बाद फेसबुक को 58 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इन सबके चलते फेसबुक की साख पर संकट मंडरा रहा है।
ऐसे लगाई गई सेंध
कैंब्रिज एनालिटिका ने एक ऐप के जरिये फेसबुक यूजर्स की जानकारियों में सेंध लगाई गई। दरअसल कहा जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले वोटरों का रुझान जानने के लिए बड़े पैमाने पर डाटा की जरूरत थी। लिहाजा इस डाटा को हासिल करने के लिए जीपेपेलवनतकपहपजंससपमि ऐप बनाया गया। इसके बारे में कैंब्रिज एनालिटिका ने कहा कि यह लोगों की पर्सनालिटी का आकलन करने के लिए है।
लिहाजा 100 सवालों पर आधारित एक क्विज तैयार किया गया। यूजर को बताया गया कि शैक्षिक अध्ययन के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा। इस क्विज में शामिल होने वाले लोगों ने प्रोफाइल डाटा और फ्रेंड लिस्ट तक की जानकारी दे दी। तकरीबन पौने तीख लाख यूजर्स ने क्विज में हिस्सा लिया। इसकी बदौलत करीब पांच करोड़ लोगों के डाटा चुरा लिए गए. इनमें से अधिकांश अमेरिकी लोग थे।