नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद से ही राम मंदिर मामले को हवा देने में जुटी विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए इस महीने के आखिर में अपने शीर्ष नेताओं की बैठक बुलाई है। उसका दावा है कि इस परियोजना पर डेढ़ साल में काम शुरू हो जाएगा। दरअसल, विहिप ने दूसरे कार्यकाल के पहले महीने के भीतर ही नरेंद्र मोदी सरकार को उनके वादे के बारे में याद दिलाने का फैसला किया है।

अयोध्या में राम मंदिर को लेकर अपने तेवर को धार देने में जुटे विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने साफ शब्दों में कहा कि उनका संगठन राम मंदिर निर्माण पर “अनिश्चितकाल तक” इंतजार नहीं करेगा। उन्होंने कहा, “एक बात स्पष्ट है कि विहिप दो मुद्दों पर समझौता नहीं करेगी- पहला, भगवान राम के जन्मस्थान पर सिर्फ मंदिर बनेगा और दूसरा, अयोध्या की सांस्कृतिक सीमाओं के भीतर कोई मस्जिद नहीं हो सकती।” विहिप की मार्गदर्शक समिति इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए 19-20 जून को हरिद्वार में बैठक करेगी जिसमें एक प्रस्ताव पारित करेगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जाएगा।

गौरतलब है कि अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर का निर्माण भाजपा के एजेंडे में शीर्ष मुद्दों में से एक रहा है और लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के सभी घोषणापत्रों में इसका उल्लेख किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने साथ ही यह भी सुनिश्चित किया कि सरकार न्यायिक प्रक्रिया के परिणाम का इंतजार करेगी। यह मामला वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है जिसने हाल ही में सभी हितधारकों से बात करने और 15 अगस्त को एक रिपोर्ट देने के लिए वाताकार्रों की तीन सदस्यीय समिति नियुक्त की है।

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