नई दिल्ली : आधार संख्या जारी करने वाले प्राधिकरण uidai ने बहुप्रतीक्षित आभासी पहचान यानी वर्चुअल आईडी (VID) को प्रायोगिक स्तर पर शुरू कर दिया है । प्राधिकरण का कहना है कि विभिन्न सेवा प्रदाता जल्द ही आधार संख्या की जगह इस आईडी को स्वीकार करना शुरू कर देंगे।

इस व्यवस्था में आधार संख्या के धारक को अपनी एक वर्चुअल आईडी बनानी होगी।सत्यापन या अधिकरण के लिए जहां आधार संख्या बताने की जरूरत होती है, वहां अब इस आईडी को बताने से ही काम चल जाएगा। इससे उपयोक्ता की 12 अंक की आधार संख्या का खुलासा दूसरे व्यक्ति या सेवा प्रदाता को नहीं होगा। एक तरह से यह वर्चुअल आईडी आधार संख्या के शुरुआती विकल्प के रूप में काम करेगी।

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (uidai) ने Twitter पर जानकारी दी है कि शुरू में इस आईडी का उपयोग आधार में पते को ऑनलाइन अपडेट करने के लिए किया जा सकता है।

प्राधिकरण का कहना है, जल्द ही, सेवा प्रदाता आधार संख्या की जगह पर वीआईडी को स्वीकार करना शुरू करेंगे। फिलहाल, इसका इस्तेमाल आधार में पते को अपडेट करने के लिए किया जा सकता है। प्राधिकरण ने उपयोक्ताओं से आग्रह किया है कि वे अपनी वीआईडी बना लें। uidai ने यह कदम उपयोक्ताओं से जुड़ी जानकारी यानी डेटा की सुरक्षा को लेकर जारी चिंताओं के बीच उठाया है।

क्या होती है VID?

आधार वर्चुअल आईडी एक तरह का टेंपररी नंबर है। यह 16 अंकों का नंबर है। अगर इसे आधार का क्लोन कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा।इसमें कुछ ही डिटेल होंगी। uidai यूजर्स को हर आधार का एक वर्चुअल आईडी तैयार करने का मौका देगी। अगर किसी को कहीं अपने आधार की डिटेल देनी है तो वो 12 अंकों के आधार नंबर की जगह 16 अंकों का वर्चुअल आईडी दे सकता है।वर्चुअल आईडी जनरेट करने की सुविधा 1 जून से अनिवार्य हो जाएगी।

साभार ज़ी न्यूज़
error: Content is protected !!