crimeकोलकाता। मां-बाप अपनी चिता में अग्नि देने के लिए एक बेटे की ख्वाहिश रखते हैं। लेकिन यह एक ऐसा बेटा था जिसने मां की मौत बाद उसका अंतिम संस्कार नहीं किया बल्कि शव को फ्रीजर में रख दिया। वह भी उसकी पेन्शन के लिए। प्रति वर्ष वह मां के शव से अंगूठे का निशान लगाकर जीवित होने का प्रमाण बैंक में पेश करता था। इसके बाद एकाउंट में आई पेंशन की रकम को वह डेबिट कार्ड के जरिये निकाल लेता था। इस तरह वह तीन साल से हर महीने 50,000 रुपये पेंशन ले रहा था।

हैरत की बात यह है कि आरोपित का पिता भी उसके साथ ही रहता था। उसने इसको लेकर आपत्ति नहीं की। घटना कोलकाता के बेहला थाना इलाके के जेम्स लांग सरणी की है। बुधवार देर रात सूत्रों के हवाले से जानकारी मिलने के बाद डीसी एसईडी निलांजन विश्वास के नेतृत्व में पुलिस टीम ने छापेमारी कर वृद्धा का शव बरामद किया। बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया है।

करता था रसायनों का इस्तेमाल

बीना मजूमदार (84) फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआइ) में बड़े पद से रिटायर हुई थीं। करीब तीन वर्ष पहले उम्र जनित बीमारियों की वजह से बीना की मौत अस्पताल में हो गई थी। उनके बेटे शुभब्रत मजुमदार (46) ने शव का अंतिम संस्कार करने के बजाए उसे घर के अंदर ही फ्रीजर में रख दिया था। बेटे ने लेदर टेक्नोलॉजी की पढ़ाई की है और मां के शव को संरक्षित करने के लिए रसायनों का इस्तेमाल करता था। उसके पिता गोपाल चंद्र मजुमदार (89) उसी के साथ रहते हैं। वह भी एफसीआइ में बड़े पद से सेवानिवृत्त हैं।

मां बीना मजूमदार को 50 हजार रुपये प्रति महीने पेंशन मिलती था। माना जा रहा है कि पेंशन लेते रहने के लिए शुभब्रत ने ऐसा किया था। बताया गया है कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद भी वह कोई नौकरी नहीं करता था और मां-बाप के पेंशन से ही गुजारा कर रहा था।

शरीर से निकाला सड़ने वाला अंग

शव की नाभि के ऊपर कट के निशान मिले हैं। अंदर से सारे अंग भी गायब हैं। माना जा रहा है कि आरोपित बेटे ने उन सभी अंगों को काटकर निकाल दिया है, जिनसे सड़न व दरुगध की आशंका थी। घर के अंदर से ऐसे कई केमिकल मिले हैं, जिसके जरिये चमड़े को सड़ने से बचाया जाता है। बेहला क्षेत्र के ही बालानगर अस्पताल में बीना मजूमदार की मौत 2015 में ही हो गई थी। पुलिस को अस्पताल प्रशासन ने बताया कि सात अप्रैल 2015 को रात 8 बजे बीना को भर्ती कराया गया था और उसी दिन रात 9.55 बजे उनकी मौत हो गई थी। मां की मौत के बाद अस्पताल से मिले डेथ सर्टिफिकेट को छिपाकर बेटे ने अवैध तरीके से लिविंग सर्टिफिकेट बनवा लिया था। प्रति वर्ष जीवित होने के प्रमाण के रूप में शुभब्रत उनके अंगूठे के निशान को लेकर बैंक जाता था और कहता था कि काफी उम्र हो जाने के कारण वह हस्ताक्षर करना भूल गई हैं।

पिता के लिए भी ले आया था फ्रीजर

पुलिस ने शुभब्रत के घर से दो फ्रीजर बरामद किए हैं। दूसरा फ्रीजर लाने के पीछे का मकसद जानने के लिए पुलिस जांच कर रही है। दावा है कि वह दूसरा फ्रीजर पिता के लिए लाया था। उनकी मौत के बाद उन्हें भी फ्रीजर में रखकर पेंशन उठाने की योजना शुभब्रत ने बनाई थी। अपने पिता गोपालचंद्र मजुमदार से उसने कहा था कि उसने मां को जिंदा रखने की जुगत लगाई है। पुलिस पिता से भी पूछताछ कर रही है कि आखिरकार उन्होंने बेटे की इस साजिश के बारे में किसी को जानकारी क्यों नहीं दी। पुलिस के सूत्रों की मानें को शुभब्रत की योजना की भनक पिता को मिल गई थी, इसलिए संभव है कि उन्होंने ही पुलिस को सूचना दी हो।

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