लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बने महागठबंधन के फिलहाल खत्म होने का संकेत देते हुए सपा और बसपा द्वारा उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कुछ सीटों पर होने वाले उपचुनाव को अपने बलबूते लड़ने की घोषणा के एक दिन बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि कभी-कभी आप परीक्षणों में सफल नहीं होते हैं लेकिन आपको अपनी कमजोरियों के बारे में पता चलता है। उन्होंने कहा “अगर गठबंधन टूटा है या गठबंधन के बारे में जो बात रखी गयी है तो मैं उस पर बहुत सोच समझकर विचार करूंगा। जब उपचुनाव में हमारा गठबंधन है ही नहीं तो हम अपनी तैयारी करेंगे।”
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में कहा, “मायावती जी के लिए मैंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि मेरा सम्मान उनका सम्मान होगा। मैं अब भी वही कहता हूं। जहां तक गठबंधन या अकेले चुनाव लड़ने की बात है, राजनीतिक रास्ते सभी के लिए खुले हैं।“
अखिलेश ने मीडिया के साथ बताचीत में कहा, “अगर हम अकेले उपचुनाव लड़ रहे हैं तो मैं पार्टी के सभी नेताओं के साथ चर्चा करूंगा कि हमारी भावी रणनीति क्या होनी चाहिए और इसके लिए क्या करना चाहिए।“ हालांकि दूसरी ओर मायावती ने भविष्य में सपा के साथ फिर से गठबंधन के विकल्प को खुला रखते हुए कहा कि अभी कोई ब्रेकअप नहीं हुआ है। अपने बलबूते उपचुनाव लड़ने की प्रमुख वजह राजनीतिक विवशता है। दूसरी ओर अखिलेश ने भी अपनी राह अलग करने का संकेत देते हुए कहा कि अगर रास्ते अलग-अलग हैं तो उसका स्वागत है और उनकी पार्टी भी उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर अकेले उपचुनाव लड़ेगी।