इलाहाबाद । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सीबीआई को आदेश देते हुए कहा कि पिछले साल उन्नाव में 17 वर्षीय युवती के साथ बलात्कार करने के आरोपी भारतीय जनता पार्टी के विधायक कुलदीप सेंगर को गिरफ्तार किया जाए।
चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस सुनील कुमार की बेंच ने केन्द्रीय एजेंसी से 2 मई को इस केस में स्टेटस रिपोर्ट फाइल करने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह खुद पूरे केस की जांच की निगरानी करेगा। हाईकोर्ट ने केन्द्रीय एजेंसी से कहा है कि इस केस की जांच कानून के तहत कड़ाई से करे और अन्य आरोपियों की जमानत कैंसिल कराने के लिए आवेदन दाखिल करे।
कोर्ट ने सीबीआई को आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर की गिरफ्तारी के साथ ही पुराने मामलों की जांच का भी निर्देश दिया है। इसके साथ ही 20 जून 2017 को दर्ज मामले में विधायक की जमानत निरस्त करने का भी आदेश दिया गया है। सीबीआई से दो मई को इस मामले में प्रोग्रेस रिपोर्ट भी देने को कहा गया है।
चीफ जस्टिस डीबी भोसले व जस्टिस सुनीत कुमार की खंडपीठ ने गुरुवार को रेप कांड की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। आज लंच के बाद खचाखच भरी अदालत में फैसला सुनाया गया। बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी ने उन्नाव कांड पर चिंता जताते हुए मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था, जिस पर कोर्ट से स्वत: संज्ञान लिया। उधर, सीबीआई की टीम ने माखी पुलिस स्टेशन का दौरा किया।
मामला एक नजर में
मामला पिछले साल 4 जून का है। कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ रेप की शिकायत दर्ज कराई गई। आरोप है कि 3 अप्रैल को विधायक के भाई अतुल ने विक्टिम पर केस वापस लेने का दबाव बनाया।
8 अप्रैल को पीड़िता के परिवार ने सीएम हाउस के सामने आत्मदाह की कोशिश की। पुलिस ने बचाया। 9 अप्रैल को विक्टिम के पिता की उन्नाव जेल में मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि मृतक के शरीर पर चोट के 14 निशान थे। माखी थाने के एसओ समेत 6 कॉन्स्टेबल को सस्पेंड किया गया। आरोपी विधायक के भाई अतुल समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है।
बवाल बढ़ा तो जांच सीबीआई को सौंप दी गई। इसके पहले आरोपी विधायक ने पुलिस के सामने सरेंडर करने की कोशिश की। यूपी के डीजीपी का कहना है कि मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है, इसलिए गिरफ्तारी का फैसला भी वो ही करेगी। दूसरी तरफ, आरोपी विधायक योगी से मिलकर सफाई पेश कर चुके हैं।