नई दिल्ली। बैंकों से लोन लेकर विदेश भागने वाले नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे मामलों में कर्ज की वसूली सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने ‘द फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर ऑर्डिनेंस-2018’ को मंजूरी दी है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को इसके मसौदे पर मुहर लगाई। राष्ट्रपति की मंजूरी और गजट में अधिसूचना जारी होने पर अध्यादेश लागू हो जाएगा। इसके तहत भगोड़े अपराधियों की देश-विदेश स्थित संपत्ति को जब्त करने का प्रावधान है।

‘द फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर बिल-2018’

मोदी सरकार ने संसद के बजट सत्र में 12 मार्च को लोक सभा में ‘द फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर बिल-2018’ पेश किया था, लेकिन संसद में बने गतिरोध से पारित नहीं हुआ। सरकार को अब यह अध्यादेश लाना पड़ा।

‘प्रेट्र’ के मुताबिक, दीव में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि संसद के मानसून सत्र में विधेयक फिर पेश होगा। अध्यादेश के मुताबिक, कोई अपराधी कानूनी प्रक्रिया से बचने को देश से बाहर भागता है तो भगोड़ा घोषित कर विदेशों में उसकी संपत्ति को जब्त करने के लिए संबंधित देशों से सहयोग लिया जाएगा।

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