बरेली। समदृष्टि, क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल (सक्षम) एवं माधव नेत्र कोष के तत्वावधान में आईएमए हॉल में नेत्रदान-महादान संकल्प का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बताया गया कि 125 करोड़ की आबादी वाल राष्ट्र भारत नेत्रहीनों के मामले में तीसरे नंबर पर है। देश में कॉर्नियल ब्लाइंडनेस के 1.20 करोड़ मामले हैं और सालाना 20 हजार के हिसाब से बढ़ रहे हैं।
बरेली में ही बीते 15 सालों में केवल 40 लोगों ने नेत्रदान हुए हैं, जबकि अब तक 600 लोग आंखों की रोशनी के लिए आवेदन कर चुके हैं। ये सभी नेत्रदान एसआरएमएस के आई बैंक में ही नेत्रदान हुए हैं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शहरवासियों ने नेत्रदान का संकल्प लिया।
नेत्रदान की जगह कहना चाहिए ज्योतिदान
तुलसी मठ के महंत संत कमलनयन दास ने नेत्रदान के बारे में बताने के साथ ही देहदान का भी संकल्प लिया। एसआरएमएस के निदेशक आदित्य मूर्ति से इस बाबत संकल्प पत्र पर भी हस्ताक्षर कराने को कहा।
महापौर डॉ. उमेश गौतम ने भी नेत्रदान को महादान बताते हुए विचार व्यक्त किये। डॉ. अतुल अग्रवाल ने कहा कि नेत्रदान की जगह ज्योतिदान शब्द होना चाहिए। मुख्य वक्ता आरएसएस विभाग प्रचारक आनंद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर डॉ. उमेश गौतम ने की तथा बतौर मुख्य अतिथि सीएमओ डॉ. विनीत शुक्ला उपस्थित रहे।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर आइएमए अध्यक्ष डॉ. प्रमेंद्र माहेश्वरी, मेडिसिटी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. विमल भारद्वाज, जीवन ज्योति हॉस्पिटल की निदेशक डॉ. अनीता अजय, शहर विधायक डॉ. अरुण कुमार, बिथरी चैनपुर विधायक राजेश मिश्र, आरएसएस जिला प्रचार प्रमुख डॉ. शैलेश चौहान, चंद्रकान्त त्रिपाठी, गुलशन आनन्द, पवन अरोरा, शशांक शुक्ला आदि समेत बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।