नई दिल्‍ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में आम आदमी को एक बार फिर राहत दी है। रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में चौथाई प्रतिशत की कटौती की है। इस प्रकार नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पेश की गई मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की गई है। होम और ऑटो लोन लेने वालों के लिए यह राहत भरी खबर है। अब उनकी ईएमआई  का बोझ घटेगा। यह लगातार तीसरी बार है जब आरबीआइ ने रेपो रेट में कटौती की है।

केंद्रीय बैंक द्वारा नीतिगत दरों में कटौती किए जाने के बाद रेपो रेट 6 प्रतिशत से घटकर 5.75 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट 5.75 प्रतिशत से घटकर 5.50 प्रतिशत पर आ गई है। हाल ही में सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) ग्रोथ रेट के आंकड़े आए थे जिसके अनुसार वित्‍त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में जीडीपी विकास दर 5.8 प्रतिशत रही। विशेषज्ञों का अनुमान था कि आर्थिक विकास दर में कमी के कारण भी रिजर्व बैंक ब्‍याज दरों में कटौती कर सकता है।

जीडीपी के अनुमान में संशोधन

रिजर्व भारतीय रिजर्व बैंक ने 2019-20 के लिए आर्थव्‍यवस्‍था के ग्रोथ अनुमानों में कटौती की है। ट्रेड वार के कारण कमजोर वैश्विक मांग से आगे भी भारत का निर्यात और निवेश गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं। RBI ने 2019-20 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 7.2 फीसद से घटाकर 7 फीसद कर दिया है। 

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