विशाल गुप्ता, बरेली। अपने शहर की प्रतिभा और आईएमए बरेली के अध्यक्ष डॉ. प्रमेन्द्र माहेश्वरी और डॉ. मोनिका माहेश्वरी की बेटी अपूर्वा डॉक्टर नहीं बनना चाहती है। अपूर्वा ने इस वर्ष आईसीएसई से बारहवीं कक्षा में बरेली में टॉप किया है। बरेली लाइव ने अपूर्वा माहेश्वरी की इस सफलता पर उनसे बात की, तो देश की रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन को अपना आदर्श मानने वाली इस होनहार छात्रा ने अपने अध्ययन और सपनों के बारे में कई खुलासे किये। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश :-
बरेली लाइव : अपूर्वा सबसे पहले आपको बरेली टॉप करने के लिए हार्दिक बधाई।
अपूर्वा : जी, धन्यवाद।
बरेली लाइव : कैसा लग रहा है इस सफलता को प्राप्त करके?
अपूर्वा : जी, बहुत अच्छा लग रहा है, बहुत खुशी हो रही है कि मेरी मेहनत सफल हुई।
बरेली लाइव : कितनी मेहनत की थी आपने अपनी बारहवीं की परीक्षाओं के लिए?
अपूर्वा : स्कूल की पढ़ाई के अलावा 4 से 5 घण्टे घर में सेल्फ स्टडी की।
बरेली लाइव : सेल्फ स्टडी में आने वाली समस्याओं को कैसे हल किया?
अपूर्वा : इसमें मेरे माता-पिता, दादा-दादी ने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया। मेरे शिक्षकों ने सदैव मेरी अध्ययन की समस्याओं को विस्तार से समझाकर हल किया। साथ ही बहुत बड़ा योगदान इण्टरनेट का रहा। सेल्फ स्ट्डी के दौरान कई बार सवालों का जवाब नहीं मिल पाता था। इसके लिए मैंने इण्टरनेट को भी एक गुरू की तरह चुना। सोशल मीडिया, फेसबुक या व्हाट्सएप की जगह यूट्यूब पर शिक्षा के क्षेत्र के बने चैनल्स पर समय खर्च किया।
यू-ट्यूब पर सभी विषयों पर विस्तार से तमाम वीडियो उपलब्ध हैं। जिन्हें देखकर किसी भी विषय या समस्या का हल पाया जा सकता है। मैंने यही किया। इसके अलावा भी जब कहीं दिक्कत हुई तो मेरे टीचर्स ने सदा मेरी पूरी सहायता की।
बरेली लाइव : वारहवीं हो गयी, अब क्या करने का लक्ष्य या क्या बनने का सपना है?
अपूर्वा : मुझे आईएएस बनना है। मेरा लक्ष्य भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में जाने का है।
बरेली लाइव : आपके पिता, माता, नाना-मामा, सभी डॉक्टर्स हैं। चिकित्सा क्षेत्र में आपके परिवार का डंका बजता है, फिर डॉक्टर क्यों नहीं बनना चाहती हैं?
अपूर्वा : मुझे डॉक्टर नहीं, आईएएस ही बनना है। एक डॉक्टर के रूप में मैं समाज एक बहुत छोटे से वर्ग की सेवा कर सकती हूं। जबकि एक आईएएस बनकर पूरे समाज के हर वर्ग की सेवा की जा सकती है। समाज में तमाम लोगों को सरकारी सेवाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। तमाम लोग न्याय से वंचित हैं। गरीबों और जरूरतमंदों को उनका हक मिले। सरकारी योजनाओं का लाभ मिले और शोषितों को न्याय मिले। यही मेरी सोच है, और यह मैं एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज में आकर ही कर सकती हूं। एक आईएएस अधिकारी प्लानिंग का हिस्सा होता है। वह समाज के सभी वर्गों के लिए योजनाएं तैयार कर सकता है।
बरेली लाइव : आपकी हॉबीज़ यानि शौक क्या हैं?
अपूर्वा : मुझे सिंगिंग, डान्सिंग और म्यूजिक का बहुत शौक है। मुझे पेण्टिंग का बहुत ज्यादा शौक है।
बरेली लाइव : स्कूल के बाद 4-5 घण्टे की सेल्फ स्ट्डी के बीच इन हॉबीज के लिए समय कैसे निकाला?
अपूर्वा : आप हर समय नहीं पढ़ सकते। कई बार पढ़ाई करते-करते कोई सवाल उलझ जाते हैं। ऐसे में दिमाग को कुछ रिलैक्स करना चाहिए। बस, यही करती थी। पढ़ाई के बीच में जब दिमाग को कुछ आराम करने की जरूरत लगती तो इन्हीं में से कोई एक्टिविटी करने लगती। इससे मुझे अच्छा लगता और पढ़ाई का स्ट्रेस भी खत्म हो जाता था। और फिर पढ़ाई में जुट जाती थी।
बरेली लाइव : अपने जूनियर्स के लिए क्या संदेश देना चाहेंगी?
अपूर्वा : मैं सभी से यही कहना चाहती हूं कि अपने अध्ययन और जीवन में इण्टरनेट का पॉजिटिव यूज करें। सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम पर समय बिताने की जगह इसका उपयोग क्वेरीज़ को शॉर्टआउट करने के लिए करें। यूटयूब पर सभी विषयों और टॉपिक्स पर लैक्चर्स मौजूद हैं, उनसे मदद लें। प्रीवियस इयर्स के पेपर्स को बहुत ध्यान से हल करें। अगर ऐसा करते हैं तो हर कोई बड़ी सफलता पा सकता है।
बरेली लाइव : अपूर्वा आपको एक बार फिर से बहुत सारी शुभकामनाएं। आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। आईएएस बनकर माता-पिता के साथ ही अपने शहर का नाम और उज्ज्वल करें यही कामना है। ढेर सारी शुभकामनाएं।
अपूर्वा : जी, थैंकयू वेरी मच सर।