बरेली। कल 21 जून है यानि अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस। योग दिवस पर पूरे विश्व के साथ ही बरेली में तमाम आयोजन किये जाएंगे। आयुष मंत्रालय समेत तमाम छोटे-बड़ी संस्थाएं योग दिवस को मनाने की तैयारी में लगी हैं। लक्ष्य है कि इससे लोग जागरूक होंगे और योग को अपने जीवन का हिस्सा बनायेंगे। योगासनों से स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभावों पर बरेली लाइव ने चर्चा की लाइफ आर्ट एक्सपर्ट विशेष कुमार से।
विशेष कुमार ने बताया कि कैसे आज की भागमभाग की जीवनशैली में व्यक्ति योग के माध्य्म से स्वयं को तनाव मुक्त रख सकता हैं। वह कहते हैं कि शरीर की सभी क्रियाएं सात चक्रों से संचालित होती हैं। यदि इन सात चक्रों को संतुलित कर लिया जाये तो जीवन बेहद सुगम और सुवासित हो जाता है। विशेष बताते हैं कि केवल सात योगासनों से इन सातों चक्रों को संतुलित करना संभव है। विशेष हीलिंग साइंस, योग और ध्यान से लोगों का उपचार करते हैं और उन्हें तनाव या डिप्रेशन से बाहर लाते हैं।
सातों चक्रों के लिए हैं अलग-अलग योगासन
विशेष कुमार ने बताया कि शरीर के मौजूदा सातों चक्रों के लिए अलग-अलग योगासन हैं। यदि उचित खानपान के साथ इन योगासनों पर ध्यान दिया जाए तो व्यक्ति अपने सातों चक्रों को योग के माध्यम से ही हील कर सकता है।
सबसे पहला चक्र मूलाधार चक्र है। इसका रंग लाल होता है। मन की चंचलता, तनाव को दूर करता है, चिंता भय से मुक्त करता है। व्यक्ति की कुण्डलनी भी इसी चक्र में विराजमान होती है। इसके लिए वृक्षासन है
दूसरा स्वाधिष्ठान चक्र जिसके लिए उत्कट कोणासन है, जिसको देवी मुद्रा भी कहते हैं। जिसका रंग नारंगी होता है, इसको करने से
मांसपेशियां मजबूत होती हैं। घुटने कूल्हे व पीठ की तकलीफों के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
तीसरा चक्र मणिपुर चक्र होता है, जिसका रंग पीला होता है, जिसके लिए वीरभद्रासन है, इस आसन से आत्मविश्वास बनता है पैरों को मजबूती प्रदान करता है व फेफड़ों के लिए विशेष लाभकारी होता है।
चौथा चक्र हृदय चक्र है जिसका रंग हरा है, इसके लिए उष्ट्रासन है,उष्ट्रासन से पाचन शक्ति मजबूत होती है व रीढ की हड्डी को लचीला बनाती है व साथ ही साथ ह््रदय के लिए भी बेहद लाभकारी होता है।
पांचवा चक्र विशुद्धि चक्र है जिसका रंग हल्का आसमानी होता है,इसके लिए सर्वांगासन है। इससे पूरे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है इस आसन को सभी आसनो की माँ भी कहा जाता है।इसको करके व्यक्ति हर्ष और उल्लास से भर जाता है।
छटा चक्र आज्ञा चक्र है जिसमें गुरुतत्व व शिव तत्व होता है। जिसका रंग गहरा नीला होता है जिसके लिए पर्वतासन होता है इसको करने से कंधे के दर्द,फेफड़े सम्बन्धी व रक्त विकार सम्बंधि दिक्कतो में फायदा मिलता है साथ ही साथ तनाव कम कर निर्णयन क्षमता बढ़ती है।
सांतवां चक्र सहस्त्रार चक्र होता है जो परम आनंद का केंद्र भी है जिसका रंग बैगनी होता है। इसके लिए शीर्षासन है जिसको करने सिरदर्द, माइग्रेन, डायबटीज में काफी फायदा मिलता है, साथ ही बाल झड़ने से रोकता है और चेहरे पर चमक लाता है।
ये योगासन कैसे करें
विशेष कुमार के अनुसार योगासन करने से पूर्व किसी योग प्रशिक्षक से प्रशिक्षण लेना चाहिए, जिससे गलती न हो। कुछ दिन योग प्रशिक्षक के संरक्षण में अभ्यास करना चाहिए। बाद में पारंगत होने पर स्वयं कर सकते हैं।
विशेष कुमार कहते हैं कि यदि मनुष्य इन सातों चक्रों को संतुलित कर ले तो व्यक्ति का औरा अर्थात आभामंडल सकारात्मक हो उठता है। उसमें नयी ऊर्जा भर जाती है और उसमें एक विशेष तरह का आकर्षण उत्पन्न हो जाता है।