नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षाबलों ने श्रीनगर से बालटाल जाने वाले मार्ग में कुछ बदलाव किया है। सुरक्षाबलों का मानना है कि श्रीनगर से बालटाल के लिए जाने वाले पुराने हाई-वे का लंबा हिस्सा बेहद संवेदनशील है। पुराने हाईवे का यह हिस्सा उन्हीं इलाकों में पड़ता है, जहां पर आतंकियों की सर्वाधिक गतिविधियां है। लिहाजा, आतंकियों की किसी भी साजिश से श्रद्धालुओं को बचाने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन, पुलिस और केंद्रीय सुरक्षाबलों की सहमति ने नए रास्ते के इस्तेमाल का फैसला किया गया है।करीब 65 किमी लंबा यह रास्ता न केवल पुराने हाईवे से ज्यादा सुरक्षित होगा, बल्कि सुरक्षाबलों की तैनाती भी बेहतर तरीके से की जा सकेगी।
पुराने रास्ते की अपेक्षा नया रास्ता छोटा
अमरनाथ यात्रा से जुड़े वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के अनुसार श्रीनगर से बालटाल की तरफ जाने वाला पुराना हाईवे दक्षिण कश्मीर के बिजबेहरा, अवंतिपुरा और खानावल से होकर गुजरता है। यह तीनों इलाके जम्मू-कश्मीर के उन इलाकों में शामिल हैं, जो आतंकवाद से सर्वाधिक प्रभावित हैं। वहीं पुराने रास्ते पर सुरक्षा के नए बंदोबस्त के लिए जगह भी बहुत कम है।ऐसे में अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर खतरे की आंशका लगातार मंडराती रहती है। अमरनाथ यात्रियों को सुरक्षित बालटाल तक पहुंचाने के लिए सभी एजेंसियों की सहमति से नए रास्ते का चुनाव किया गया है। पुराने रास्ते की अपेक्षा नया रास्ता न केवल छोटा है, बल्कि सुरक्षा के लिए से भी काफी बेहतर है।
उन्होंने बताया कि नए रास्ते के तौर पर काजीगुंड-श्रीनगर के बीच बनाए गए नए हाईवे के तौर पर किया गया है। काजीगुंड-श्रीनगर हाईवे के करीब 65 किमी लंबा हिस्सा अमरनाथ यात्रा के लिए उपयोग किया जाएगा। यह रास्ता श्रीनगर के नौगांव से शुरू होता है और काजीगुंड के वानपोह पर खत्म होता है। इस हाईवे का बड़ा हिस्सा जंगल की जगह घने इलाकों से होकर गुजरता है। जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा करना पुराने रास्ते की अपेक्षा कहीं अधिक सरल हो जाता है। सुरक्षाबल के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार सुरक्षाबलों ने नए हाईवे पर कई फ्लैश प्वाइंट चिन्हित कर लिए हैं, जहां पर पर्याप्त संख्या में जवानों की तैनाती की जा रही है। जिससे आतंकी हमले की स्थिति में त्वरित कार्रवाई करते हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षति किया जा सके।
ज़ी साभार