बरेली। रुहेलखंड विश्वविद्यालय मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन (रुमसा) और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी परिषद की हड़ताल दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रही। आंदोलनरत कर्मचारी इससे नाराज थे कि कुलपति और कुलसचिव उनकी समस्या सुनने तक नहीं आए। कर्मचारियों ने वित्त अधिकारी के तबादले की मांग भी शुरू कर दी है।
कर्मचारियों ने कहा विवि के खजाने से खर्च पर रोक लगाने तक कर्मचारी आंदोलन करते रहेंगे चाहे इसमें कितना ही समय क्यों न लगे। बता दें कि रुहेलखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी काफी समय से अपनी लंबित मांगों को पूरा न होने और विश्वविद्यालय के खजाने को खर्च किए जाने से नाराज हैं। तीन दिन पहले कुलपति की कर्मचारी यूनियन के नेताओं के साथ खासी नोंकझोंक हो गई। इसके बाद कर्मचारियों ने क्रमिक अनशन का ऐलान कर दिया।
35 करोड़ से बन रहे सभागार में केवल पैसे की बर्बादी
मंगलवार को इस अनशन का दूसरा दिन था। कर्मचारियों ने कहा कि अटल सभागार, सिंथेटिक ट्रैक और अन्य कार्य विवि के खजाने से कराने के बजाय प्रदेश, केंद्र सरकार और यूजीसी की मदद से कराया जाए। विवि के खजाने को खर्च करना नहीं रोका गया तो आंदोलन जारी रहेगा। कर्मचारियों ने कहा कि 35 करोड़ की लागत से बन रहे 2 हजार की क्षमता वाले सभागार को बनाकर विवि केवल पैसे की बर्बादी करेगा।
आरोप लगाया कि सोखपिट घोटाला कर दबाने की तैयारी है। सोखपिट निर्माण के नाम पर 32 लाख रुपये के भुगतान कर अब इसको दूसरी परियोजनाओं में समायोजित किया जा रहा है। कर्मचारियों के आंदोलन को बरेली कॉलेज अस्थायी कर्मचारियों ने भी समर्थन दिया। आन्दोलन स्थल पर डॉ. हेम कुमार गौतम, राजबहादुर, रामप्रीत, ओपी शाही, जहीर अहमद, सुधांशु शर्मा, मनुज शंखधार, हरीश कुमार, सुनील शर्मा, मोहन सिंह, मनोज सक्सेना उपस्थित थे।