नयी दिल्ली। यदि आप मां दुर्गा के आराधक हैं या उनकी विशेष कृपा के आकांक्षी हैं तो यह खबर आपके लिए उपयोगी है। कल 13 जुलाई आषाढ़ शुक्ल पक्ष की प्रथमा तिथि को गुप्त नवरात्र शुरू होने जा रहे हैं। इस बार इन नवरात्र में पुष्य नक्षत्र के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। क्योंकि नवरात्र की शुरुआत जहां पुष्य नक्षत्र में होगी, वहीं 21 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग, रवियोग व अमृत सिद्धि योग में नवरात्र का समापन होगा।
सभी शुभ योग होने के कारण इस बार नवरात्र पर विशेष पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति की जा सकती है। गुप्त नवरात्रि में मां भगवती के गुप्त स्वरूप यानी काली माता की गुप्त रूप से अराधना की जाती है।
पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ समय
सुबह 7.49 से 10.01 बजे तक
दिन 2.27 से 4.44 बजे तक
रात 8.36 से 10.09 बजे तक
करें ये उपाय
गृहस्थ साधक जो सांसारिक वस्तुएं, भोग-विलास के साधन, सुख-समृद्धि और निरोगी जीवन पाना चाहते हैं उन्हें इन नौ दिनों में दुर्गासप्तशती का पाठ करना चाहिए, यदि इतना समय न हों तो सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ प्रतिदिन करें। देवी को प्रसन्न करने के लिए और साधना की पूर्णता के लिए नौ दिनों में लोभ, क्रोध, मोह, काम-वासना से दूर रहते हुए केवल देवी का ध्यान करना चाहिए। कन्याओं को भोजन कराएं, उन्हें यथाशक्ति दान-दक्षिणा, वस्त्र भेंट करें।