बरेली। शहर की एक महिला ने ससुर से जबरन हलाला कराने के मामले में अपने ससुर के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया है। संभवतः देश का यह पहला ऐसा मामला है जब हलाला करने वाले पर दुष्कर्म की धारा लगी है। महिला की तहरीर पर ससुर के अलावा पति, तीन देवर, सास व ननद पर भी दहेज उत्पीडऩ, मारपीट, जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया गया है।
बता दें तीन तलाक के बाद अब हलाला को लेकर देशभर में शोर मचा हुआ है। मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा हुआ है। हलाला को दुष्कर्म की श्रेणी में रखे जाने की मांग पुरजोर तरीके से उठ रही है। ऐसे में हलाला को दुष्कर्म मानते हुए दर्ज हुई रिपोर्ट ने नई बहस छेड़ दी है।
सोमवार को आला हजरत खानदान की पूर्व बहू निदा खान को इस्लाम से खारिज होने का फतवा जारी होने के बाद मंगलवार को बड़ा घटनाक्रम हुआ। निदा के साथ मिलने पहुंची हलाला पीड़िता की बात सुनने के बाद बरेली के एसएसपी मुनिराज जी. ने मुकदमे के आदेश कर दिए। किला थाने के इंस्पेक्टर केके वर्मा ने बताया कि ससुर के अलावा अन्य पर दहेज उत्पीडऩ, मारपीट, जान से मारने की धमकी देने समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
यह है पूरा मामला
तीन तलाक पीड़िता की 2009 में प्रेमनगर क्षेत्र के युवक से शादी हुई थी। आरोप है कि शादी के बाद घर वाले उसे दहेज के लिए परेशान करने लगे। 15 दिसंबर 2011 को पति ने तीन तलाक कहकर बाहर कर दिया। जब उसने घर पर रखने को कहा तो ससुराल वालों ने ससुर के साथ निकाह, फिर हलाला का दबाव बनाया। पीड़िता ने साफ मना किया। आरोप है कि ससुराल वाले उसे मारने-पीटने लगे, उसे कई-कई दिन भूखा रखा जाता था। नशे के इंजेक्शन लगाए जाते थे।
ससुर से कराया निकाह
आरोप है कि नशे में ही इजाजत के बिना पीड़िता का निकाह ससुर से करा दिया गया। इसके बाद ससुर ने उसके साथ दुष्कर्म किया, फिर तलाक दे दिया। ससुर केतलाक देने के बाद उसका दोबारा पति के साथ निकाह कराया गया। पीड़ित महिला का कहना है कि पति से निकाह के बाद भी ससुर आए दिन उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। कुछ समयबाद पति ने फिर उसे तीन तलाक दे दिया। इस बार ससुराल वालों ने शर्त रखी कि उसे अपने देवर के साथ निकाह व हलाला करना पड़ेगा, जिसे उसने नहीं माना और मायके चली आई।
एसएसपी मुनिराज जी ने बताया कि पीड़िता ने तहरीर देकर दुष्कर्म किए जाने का आरोप लगाया था। उस पर मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।
तलाक की शर्त पर नहीं हो सकता हलाला : देवबंदी उलमा
हलाला को लेकर बरेली में ससुर और शौहर पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज होने के मामले में देवबंदी उलमा की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उनका कहना है कि मुस्लिम मसलों को जान-बूझकर गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। समाज में तलाक जैसी बुराई को खत्म करने के लिए हलाला का प्रावधान है। हलाला कभी शर्तों के आधार पर नहीं हो सकता। तंजीम अबना ए दारुल उलूम के अध्यक्ष मौलाना याद इलाही कासमी ने कहा कि बहू द्वारा ससुर पर लगाये गए आरोप में कितनी सच्चाई है, ये तो कानूनी जांच ही बता पाएगी। जहां तक हलाला का सवाल है तो वो शर्तों के आधार पर नहीं होता है।
हलाला को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। दारुल उलूम अशरफिया के मोहतमिम मौलाना अशरफ कासमी ने कहा कि हलाला समाज में तलाक की गंदगी को समाप्त करने के लिए एक प्रावधान है। दंपति छोटी-छोटी बातों पर एक-दूसरे से अलग होकर पछताते हैं। अपनी गलती का अहसास होने पर फिर एक होना चाहते हैं, ऐसे लोगों को तलाक से डराने के लिए शरीयत में हलाला का प्रावधान है, जिससे समाज में तलाक के प्रति दहशत हो। जिससे किसी औरत का शोषण न हो सके।