बरेली। दुनिया के बड़े आलिम-ए-दीन में शुमार ताजुश्शरिया मुफ्ती अख्तर रजा खां का आज रविवार को अंतिम संस्कार किया गया। इससे पूर्व उनके जनाजे की नमाज अदा की गई। शहर काजी मौलाना असजद रजा खां ने नमाज-ए-जनाजा की रस्म अदा की। इस्लामियां ग्राउंड के आसपास सड़कों पर मुरीदों का हुजूम ऐसा कि तिल रखने की भी जगह नहीं थी। हर तरफ अपने पीर की मोहब्बत के लिए मुरीद हाथ उठाकर दुआ करते नजर आ रहे थे।
मुरीद अपने पीर की आखिरी झलक पाने के लिए बेताब दिखे। ताजुश्शरिया का जनाजा रविवार की सुबह 10 बजे दरगाह आला हजरत से होता हुआ इस्लामियां ग्राउंड में पहुंचा। जहां पर नमाज-ए-नाजा अदा की गई। इस दौरान हर शख्स मियां की कमी महसूस कर रहा था। कहना था कि ऐसे मजहबी रहनुमा की कमी कौम को हमेशा महसूस होगी। लोगों ने कहा कि ताजुश्शरिया ने अपने पूरी जिंदगी मुस्लिम कौम के लिए ही नहीं बल्कि इंसानियत के लिए भी काम किया है। उन्हें इस इसके लिए हमेशा याद किया जाएगा।
नमाज-ए-जनाजा होने के बाद हजारों की तादात में मुरीद जनाजा लेकर रवाना हो गए। काफिला धीरे-धीरे दरगाह आला हजरत की तरफ चला, तो घरों की छतों पर हर मजहब के लोगों ने उन्हें खिराजे अकीदत पेश की। महिला, पुरुष और बच्चे उनकी एक झलक देखने के लिए बेताब थे। मुरीदों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। आखिर में दरगाह आला हजरत के पास अजहरी गेस्ट हाउस में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया।