नयी दिल्ली। कांग्रेस ने 2019 लोकसभा चुनाव गठबंधन में लड़ने का फैसला किया है। यह निर्णय रविवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में लिया गया। सीडब्ल्यूसी ने चुनाव पूर्व और चुनाव बाद गठबंधन के लिए राहुल गांधी को अधिकृत किया है। वह इसके लिए जल्द समिति का गठन करेंगे।
राहुल चेहरा होंगे
बैठक में विपक्षी गठबंधन के नेतृत्व का मुद्दा भी उठा। कई क्षेत्रीय पार्टियां 2019 में गठबंधन के नेतृत्व का दावा कर रही हैं। ऐसे में सचिन पायलट और शक्ति सिंह गोहिल समेत कई नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि गठबंधन का चेहरा कांग्रेस से होना चाहिए। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हम कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। जब हम सबसे बड़ी पार्टी होंगे, तो गठबंधन का चेहरा भी कांग्रेस से होगा। राहुल गांधी गठबंधन का नेतृत्व करेंगे।
गलत बयानबाजी बर्दाश्त नहींः राहुल
राहुल गांधी ने गैरजरूरी बयानबाजी करने वाले नेताओं को भी कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि वह ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में नहीं हिचकिचाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। हर किसी को पार्टी फोरम पर अपनी बात रखने का हक है। पर कोई गलत बयानबाजी कर हमारी लड़ाई को कमजोर करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। हाल ही में पार्टी नेता शशि थरूर के कई बयानों से पार्टी को काफी फजीहत झेलनी पड़ी है।
300 सीटों पर अकेले लड़ने का सुझाव
चिदंबरम ने सुझाव दिया कि 12 राज्यों में पार्टी का संगठन मजबूत है और वह 150 सीट तक जीत सकती है। उन्होंने करीब 300 सीट पर कांग्रेस के अकेले लड़ने और बाकी सीटों पर सहयोगी दलों के साथ गठबंधन की वकालत की।
ईवीएम हिंसा और रोजगार पर चर्चा
सीडब्ल्यूसी बैठक में ईवीएम, पीट-पीटकर हत्या, कृषि, विदेश नीति, रोजगार, दलितों पर अत्याचार और अर्थव्यवस्था के मुद्दे उठे। पर अधिक जोर गठबंधन पर रहा। लगभग सभी नेताओं ने 2019 के चुनाव के लिए गठबंधन की पुरजोर वकालत की।