रामगंगा उफनीं

बरेली। पिछले दिनों लगातार बारिश से जलाशयों के साथ नदियों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। पहाड़ों पर हुर्ह बारिश ने स्थिति को और चिन्ताजनक बना दिया है। हालांकि रामगंगा, बहगुल, किच्छा, कोसी और ढोरा नदी फिलहाल खतरे के निशान से नीचे हैं लेकिन पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश से आने वाले दिनों में इन नदियों से बाढ़ जैसे हालात हो सकते हैं। प्रशासन ने ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।

फिलहाल खतरे के निशान से नीच है जलस्तर

बता दें कि रामगंगा का जलस्तर रविवार को 160.650 मीटर तक पहुंच गया, हालांकि यह खतरे के निशान 163.70 मीटर से अभी नीचे हैं। कालागढ़ डैम से अभी रामगंगा में पानी नहीं छोड़ा गया है। वहां भी जलस्तर खतरे के निशान 365.300 मीटर से नीचे 332.120 मीटर पर है। कोसी नदी में रविवार को 5148 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे उसका जलस्तर 351.800 मीटर तक पहुंच गया। हालांकि यह भी खतरे के निशान 365.200 मीटर से काफी नीचे है। खो बैराज से 16560 क्यूसेक और हरबेली बैराज से 10611 क्यूसेक पानी नदियों में छोड़ा गया है। दोनों बैराजों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है।

किच्छा नदी में भी 1164 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे उसका जलस्तर सुबह 6927 मीटर तक पहु़ंच गया मगर रात आठ बजे घटकर 1164 क्यूसेक पर आ गया। उत्तराखंड के धौरा जलाशय से पानी नहीं छोड़ा जा रहा है, लेकिन बहगुल जलाशय का जलस्तर बढ़ने पर वहां से 930 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। नानक सागर डैम से भी पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। शारदा बैराज से 64400 क्यूसेक पानी छोड़ने से पीलीभीत में शारदा का जलस्तर बढ़ गया है।

error: Content is protected !!