पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन होकर अनन्त यात्रा पर चले गये। अपने पीछे छोड़ गये करोड़ों देशवासियों के मस्तिष्क पटल पर अपनी अटल छवि। वे यादें, वे स्मृतियां जो प्रत्येक भारतीय को एक लम्बे समय तक प्रेरित करेगी।
अटल इरादे और काल के कपाल पर अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले अटल बिहारी वाजपेयी अर्थात हम सबके श्रद्धेय अटल जी के अंतिम दर्शन समूचा हिन्दुस्तान ही नहीं समग्र विश्व उमड़ पड़ा। पड़ोसी प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान हो या बांग्लादेश, मारीशस या भूटान, सभी ने इस अटल शख्सियत को श्रद्धासुमन अर्पित किये।
अटल जी को अंतिम विदाई देने के लिए पाकिस्तान ने प्रतिनिधि मण्डल भेजा तो भूटा के राजा स्वयं नयी दिल्ली पहुंचे। इसी तरह नेपाल, बांग्लादेश समेत अनेक देशों ने अपने विदेश मंत्री को भेजकर श्रद्धांजलि अर्पित की। किसी भी देश या राष्ट्र की सीमा से परे, जाति, धर्म, पंथ से ऊपर उठकर विराट व्यक्तित्व था अटल जी का। राजनीतिक या वैचारिक प्रतिद्वंद्विता भूलकर हर कोई अपने अटल महानायक से जाने से आहत दिखायी दिया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी स्मृति स्थल पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पूर्व उन्हें तीनों सेनाध्यक्षों ने भी अंतिम सलामी दी।
दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य ने दी मुखाग्नि
अटल जी का अंतिम संस्कार नयी दिल्ली के स्मृति स्थल पर किया गया। उन्हें मुखाग्नि उनकी दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य ने दी। जैसे नमिता ने अटल जी की चिता को अग्नि दी उपस्थित जनसमुद्र हाथ उठाकर ईश्वर से अटल जी की आत्मा को अपनी शरण में लेने की प्रार्थना करता दिखायी दिया।
पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने अटल जी के पार्थिव शरीर पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। लालकृष्ण आडवाणी ने भी अटल जी को श्रद्धांजलि दी। बीजेपी मुख्यालय में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे सहित अन्य पार्टियों के कई नेता भी मौजूद हैं। अटल जी के अंतिम संस्कार में नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली, भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक और पाकिस्तानी प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
शुुक्रवार सुबह से ही अटल जी के सरकारी आवास पर उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. आवास के बाहर लोगों की लंबी कतारें लगी थींं।
स्मृति स्थल पर चार बजे होगा अंतिम संस्कार
अटल जी का उनका अंतिम संस्कार शाम चार बजे दिल्ली के स्मृति स्थल में किया जाएगा. यह जानकारी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दी। शाह ने कहा कि लोग शुक्रवार को सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े आठ बजे तक उनके आवास पर श्रद्धांजलि दे सकेंगे। अटली जी के निधन पर सरकार ने सात दिन राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है।
#Delhi: Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal, Deputy CM Manish Sisodia and AAP MP Sanjay Singh pay last respects to former Prime Minister #AtalBihariVajpayee at BJP Headquarters. pic.twitter.com/6YWiFEUIMv
— ANI (@ANI) August 17, 2018
बीजेपी मुख्यालय में रखा गया पार्थिव शरीर
स्मृति स्थल पर अंतिम संस्कार एक ऊंचे स्थल पर होगा जो चारों तरफ से हरियाली से घिरा हुआ है। स्मृति स्थल जवाहर लाल नेहरू के स्मारक ‘शांति वन’ और लाल बहादुर शास्त्री के ‘विजय घाट’ के बीच स्थित है। पूर्व प्रधानमंत्री आईके गुजराल का अंतिम संस्कार यमुना नदी के किनारे दिसम्बर 2012 में स्मृति स्थल पर किया गया था। शाह ने कहा कि अंतिम यात्रा दोपहर एक बजे बीजेपी मुख्यालय से शुरू होगी और अंतिम संस्कार शाम चार बजे किया जाएगा।
सात दिन का शोक घोषित
वाजपेयी जी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा और केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों में आधे दिन की छुट्टी रहेगी। वाजपेयी के सम्मान में सरकार ने सात दिनों के शोक की घोषणा की है। गृह मंत्रालय ने सर्कुलर जारी कर कहा कि राष्ट्रीय ध्वज पूरे देश में आधा झुका रहेगा। गृह मंत्रालय ने कहा है कि वाजपेयी के सम्मान में पूरे भारत में 16 अगस्त से 22 अगस्त तक राजकीय शोक मनाया जाएगा।’ अंतिम संस्कार के दिन विदेश में सभी दूतावासों में राष्ट्र ध्वज आधा झुका रहेगा।
#Delhi: Mortal remains of former PM #AtalBihariVajpayee being taken from BJP Headquarters to Smriti Sthal for the funeral pic.twitter.com/MKAjqcHXa6
— ANI (@ANI) August 17, 2018
गुरुवार को हुआ निधन
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार शाम को एम्स में निधन हो गया था। एम्स के मीडिया एवं प्रोटोकाल डिविजन की अध्यक्ष प्रो. आरती विज की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि गहरे शोक के साथ हम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की सूचना दे रहे हैं। एम्स के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री का निधन गुरुवार शाम 5 बजकर 5 मिनट पर हुआ. वाजपेयी को 11 जून 2018 को एम्स में भर्ती कराया गया था और डाक्टरों की निगरानी में पिछले नौ सप्ताह से उनकी हालत स्थिर बनी हुई थी। एम्स के अनुसार, दुर्भाग्यवश, उनकी स्थिति पिछले 36 घंटों में बिगड़ी और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया।