चंडीगढ़। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेकर भारत लौटे पंजाब के मंत्री और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने वहां की खातिरदारी की जमकर तारीफ की। सिद्धू ने रविवार को कहा, ’पाकिस्तान में बहुत प्यार और अपनापन मिला। ये एक पहल है जो सकारात्मक है।’ कांग्रेस नेता सिद्धू यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा, पूरी उम्र में जो नहीं मिला वह 2 दिन में मिला है।
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के राष्ट्रपति मसूद खान के बगल में बैठने के सवाल पर सिद्धू ने कहा, ’मैं वहां मेहमान था, मुझे जहां बिठाया गया मैं वहां बैठ गया।’ यहां गौर करने वाली बात यह है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत अपना हिस्सा बताता है. वहां के किसी भी राष्ट्रपति के पद को भारत स्वीकार नहीं करता है।
इससे पहले शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को उम्मीद जतायी कि उनके मित्र इमरान खान का पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनना पाकिस्तान-भारत शांति प्रक्रिया के लिए बेहतर होगा। गहरे नीले रंग का सूट और एक गुलाबी पगड़ी पहने सिद्धू खान के शपथ ग्रहण समारोह में अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ मौजूद थे। खान ने आज इस्लामाबाद स्थित ऐवान-ए-सद्र (पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन) में पद और गोपनीयता की शपथ ली। खान 1992 के विश्व कप में पाक क्रिकेट टीम के कप्तान थे जब पाकिस्तान ने विश्व कप जीता था. खान ने अपनी टीम के कुछ पूर्व सहयोगियों और मित्रों को अपने शपथग्रहण में आमंत्रित किया था।
जनरल बाजवा से गले मिलने पर विवादों में सिद्धू
वसीम अकरम और 1992 क्रिकेट विश्व कप जीतने वाली टीम के अन्य सदस्य भी पाकिस्तान तहरीके इंसाफ के वरिष्ठ नेताओं के साथ कार्यक्रम में उपस्थित थे। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा समारोह में पहुंचने के साथ ही पहली पंक्ति में गये जहां सिद्धू अन्य अतिथियों के साथ बैठे थे। सिद्धू उस पंक्ति में पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके)के राष्ट्रपति मसूद खान की बगल में बैठे थे। जनरल बाजवा सिद्धू से गले मिले और दोनों ने संक्षिप्त बातचीत की। दोनों मुस्कुरा रहे थे। बातचीत के दौरान दोनों ने फिर से एक-दूसरे को गले लगाया। सरकारी ‘पीटीवी’ के साथ बातचीत में सिद्धू ने अपने चिर-परिचित शायराना अंदाज में खान की तारीफ की।
पंजाब की कांग्रेस सरकार में मंत्री, सिद्धू ने कहा, ‘‘नयी सरकार के साथ पाकिस्तान में नया सबेरा है जो देश की तकदीर बदल सकता है।’’ उन्होंने उम्मीद जतायी कि खान की जीत पाकिस्तान-भारत शांति प्रक्रिया के लिए बेहतर साबित होगी।
पाकिस्तान आधारित समूहों के 2016 में किये गये हमलों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के कारण दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया था। भारत के कथित जासूस कुलभूषण जाधव को पिछले साल अप्रैल में सैन्य अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाये जाने के बाद संबंध और खराब हो गए। सिद्धू वाघा सीमा के रास्ते कल लाहौर होते हुए इस्लामाबाद पहुंचे।
If you're invited as a guest of honour somewhere, you sit wherever you are asked to. I was sitting somewhere else but they asked me to sit there: Navjot Singh Sidhu on sitting beside President of PoK Masood Khan in the front row at Pak PM Imran Khan's oath ceremony in Islamabad pic.twitter.com/7Ak2638JF7
— ANI (@ANI) August 19, 2018
सिद्धू ने दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू होने की उम्मीद जताई
सिद्धू ने पाकिस्तान के लोकतंत्र में चुनाव के बाद आये ‘‘बदलाव’’ का स्वागत करते हुए कहा कि इमरान को दोनों देशों के बीच शांति की पहल को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिये। उन्होंने कहा कि वह भारत के सद्भावना दूत के रूप में ‘‘मोहब्बत का पैगाम’’ लेकर पाकिस्तान आये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां राजनेता के रूप में नहीं बल्कि दोस्त के रूप में आया हूं। मैं यहां अपने दोस्त (इमरान) की खुशी में शरीक होने आया हूं।’’ कहा ,‘‘हिन्दुस्तान जीवे, पाकिस्तान जीवे।’’ उन्होंने खान के गुणों के बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘मैंने खान को अपनी कमजोरियों को ताकत में बदलते देखा है। मैं उम्मीद करता हूं कि इमरान (अपने देश के लिए) समृद्धि के प्रतीक बनें।’’
यह पूछने पर कि पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट कप्तान के लिये वह क्या उपहार लाये हैं, सिद्धू ने कहा,‘‘ मैं खान साहब के लिये कश्मीरी शाल लाया हूं।’’ इमरान ने पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर और कपिल देव को भी अपने शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया था लेकिन उन्होंने निजी कारणों से इनकार कर दिया।