बरेली। भारतीय सेना की गरुड़ डिविजन सिग्नल रेजीमेंट का अभियान रविवार को संपन्न हो गया। जवानों ने पहाड़ों के दुर्गम और संकरे रास्ते से होते हुए 155 किलोमीटर का चुनौती भरा सफर 12 दिनों में तय किया।

ट्रेकिंग अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच भाईचारा का प्रसार करना, एकता, अखंडता और भारतीय सेना के जवानों के अदम्य साहस को दर्शाना था। ट्रैकिंग का आरंभ 27 मई को उत्तराखंड के सोंग बागेश्वर में किया गया। अभियान दल ने प्रतिदिन पहाड़ी क्षेत्र में औसतन 13 से 15 किलोमीटर रास्ता तय किया।

गरुड़ सिगनल्स ट्रैकिंग अभियान में 2 अधिकारी एवं 18 अन्य पदों के जवान शामिल थे। इसका नेतृत्व मेजर अविनाश बेलवाल ने किया।

स्वच्छता का दिया संदेश

अभियान में गरुण डिवीजन की टीम ने स्वच्छ वातावरण, स्वच्छ जीवन, का संदेश लोगों को दिया। अभियान की समाप्ति 9 जून को सोंग में हुई । अभियान में जवानों की शारीरिक क्षमता दक्षता की परीक्षा हुई। साथ ही सैन्य जीवन में हर रोज नई चुनौतियों के लिए तैयार रहने और ऊर्जा का संचार और टीम स्पिरिट को जगाने का भी काम किया।

इन दुर्गम इलाकों से गुजरा ट्रैकिंग दल

यह ट्रैकिंग दल उत्तराखंड के सोंग से लोहारखेत, सुपि, खाती, ग्वाली, फुरकिया होते हुए पिंडारी पहुंचा। वापसी में फुरकिया से रायचंद, ग्वारा, खाती और लोहारखेत होकर वापस सोंग बागेश्वर पहुंचकर सम्पन्न हुआ।

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