आंवला। ठाकुरद्वारा मंदिर में चल रहे श्रीरामचरित मानस प्रवचन सप्ताह के चौथे दिन मानस मर्मज्ञ पं0 ब्रजेश पाठक ने कहा कि भक्त यदि मन से पुकारता है तो प्रभु दौडे़ चले आते हैं। भक्ति शास्त्र का यह नियम है कि जब भी भक्त ने अपने भगवान को पुकारा है वह हमेशा सहायता करने को पहुंचे है। प्रभु उसकी ही रक्षा करते हैं जो उनमें पूर्णश्रद्धा तथा उनके अस्तित्व में विश्वास रखता है।
चारों ओर से निराश होने के उपरान्त जब द्रोपदी ने भगवान को पुकारा तो भगवान दौडे़ चले आए और द्रोपदी की लाज बचायी भगवान भक्त की सहायता के लिए हमेशा खडे़ रहते हैं। जो भक्त भगवान को अपना एकमात्र आश्रय मानकर अपनी रक्षा के लिए पुकारता है भगवान ऐसे भक्तों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। हमारे मंदिरों में प्रायः भगवान खडे़ रहते हैं।
द्वारिकापुरी में द्वारिकानाथ, जगन्नाथपुरी में भगवान जगन्नाथ, नाथद्वार में भगवान श्रीनाथ, पन्डरपुर में भगवान विटठलनाथ खड़े हुए हैं। पता नहीं कब भक्त की पुकार आ आए और उनको सहायता हेतु जाना पडे। यदि बैठे होंगे तो उठने में देर लगेगी। प्रभु उसकी ही रक्षा करते है जो उनमें पूर्णश्रद्धा भाव रखता है तथा उनके अस्तित्व में विश्वास रखता है।