बरेली। शहर में राज्य स्तरीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में शामिल होने आए चंदौसी के आठ खिलाड़ी भीषण गर्मी के कारण बेहोश हो गए। प्रतियोगिता से लौटते वक्त रेलवे जंक्शन में एक के बाद एक खिलाड़ी के बेहोश होने से खलबली मच गई। उन्हें तुरंत पास के ही एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ देर में ही उनकी हालत खतरे से बाहर हो गई।
स्टेडियम में आयोजित राज्य स्तरीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में चंदौसी से सम्भल ताइक्वांडो एसोसिएशन की 28 खिलाड़ियों की टीम कोच सुरेश कुमार के नेतृत्व में यहां पहुंची थी। रविवार को प्रतियोगिता निपटने के बाद शाम को सभी खिलाड़ी रेलवे जंक्शन पर ट्रेन के इंतजार में बैठे थे। ट्रेन करीब नौ बजे आने वाली थी। उससे कुछ देर पहले ही स्टेशन पर बैठे खिलाड़ी बेहोश होने लगे। कुछ ही देर में एक के बाद एक आठ खिलाड़ी बेहोश हो गए।
अचानक बेहोश हुए खिलाड़ी तो मची अफरातफरी
बच्चों के अचानक बेहोश होने पर वहां खलबली मच गई। टीम के कोच समेत अन्य लोग बेहोश खिलाड़ियों को पास के सरन अस्पताल में लेकर पहुंचे। बच्चों की सांसें तेज चल रही थी। अस्पताल में डॉ. सुदीप सरन ने अपनी पूरी टीम को इमरजेंसी में लगा दिया। दो बच्चों को ऑक्सीजन लगाई गई। सभी को डिप चढ़ाई और इंजेक्शन लगाए। गर्मी के कारण बेहोश होने वाले खिलाड़ियों में लड़कियां अधिक हैं, जिनकी उम्र 18 साल से कम है। इनमें से खुशी पाल, ऋषभ पाल, चंचल और अनुष्का ने गोल्ड मेडल जीता है। यजन पाल को सिल्वर और योगिता, रेखा को कांस्य पदक मिला। तनिष्का ने बेहतर प्रदर्शन किया।
हीट एक्जॉर्शन से हुए बेहोश
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. सुदीप सरन ने बताया कि भीषण गर्मी में बच्चे हीट एक्जॉर्शन के शिकार हुए हैं। दरअसल, बच्चों के शरीर में पानी की मात्रा बड़ों के मुकाबले कम होती है। यह अधिक देर तक बिना पानी के नहीं रह पाते हैं। खेलकूद के दौरान उनका खूब पसीना बहा होगा, फिर स्टेशन में भी भीड़ के कारण भी पसीना निकला होगा। शरीर में पानी की कमी के कारण उनकी हालत बिगड़ गई। उन्हें बार-बार पानी पीना चाहिए था। उन्होंने कहा कि गर्मी में बच्चों को बाहर ले जाने से बचें।