बरेली। शहर के प्रगति नगर स्थित ओशो ध्यानदीप ध्यान केन्द्र में रविवार को नव निर्मित ध्यान कक्ष का उद्घाटन हुआ। लखनऊ में ओशो ऐशेंस के संचालक स्वामी संतोष आत्मबोध ने उपस्थित ओशो संन्यासियों को ध्यान कराकर नये हॉल का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर ओशो के कारगर ध्यान की अनेक विधियों के प्रयोग लोगों को अनुभव कराये गये। इनमें ओशो स्टॉप मेडिटेशन, ओशो चक्र साउण्ड मेडिटेशन, अधिक व्यस्त रहने वाले लोगों के लिए ओशो शॉर्ट मेडिटेशन के अनूठे प्रयोग कराये गये।
जीवन को उत्सवपूर्ण जीना ही है ओशो मेडिटेशन : स्वामी संतोष
स्वामी संतोष आत्मबोध ने बताया ओशो जीवन दृष्टि के अनुसार जीवन को सरल, सहज और उत्सव पूर्ण तरीके से जीना ही ध्यान उत्सव है। इसीलिए ओशो की अनेक ध्यान विधियों में नृत्य को प्राथमिकता दी गयी है। जब नृत्य के लिए किसी संगीत की जरूरत न पड़े, संगीत व्यक्ति के अंदर से ही प्रस्फुटित होने लगे तो व्यक्ति का जीवन स्वयं एक उत्सव बन जाता है। बस, ओशो ध्यान विधियां व्यक्ति के अंदर इसी संगीत का अनुभव कराने का सशक्त माध्यम हैं।
कार्यक्रम का संचालन स्वामी ज्ञान समर्पण ने किया तथा आभार ध्यानदीप ध्यानकेन्द्र की संचालक मां शोभना ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर स्वामी चेतन अनाम, योग चैतन्य, आनन्द अहोभाव, शांति विशाल, आनन्द केतन, स्वामी अन्तर्ज्ञान, स्वामी सत्यबोध, प्रेम निर्मला, अनुवंदना, बोधि सत्य, गीतांजलि और मां ध्यान सुगति समेत अनेक ओशो संन्यासी एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।