सड़क और नाली के लिए तरस रहे बरेली के बाशिन्देबरेली। स्मार्ट सिटी की दौड़ में तेजी से दौड़ रहे बरेली के बाशिन्दे मोहल्ले में सड़क और नाली तक के लिए तरस रहे हैं। हालात ये हैं कि उन्हें सड़क बनवाने के लिए धरना देना पड़ रहा है।

अपने महानगर और कथित स्मार्ट सिटी का एक क्षेत्र है तुलाशेरपुर। यहां के लोग कहने को बरेली के नगर निगम क्षेत्र के निवासी हैं लेकिन जीवन किसी देहात क्षेत्र का जीने को अभिशप्त से हैं। बीते तीन दिन से तुलाशेरपुर के लोग क्षेत्र में सड़क निर्माण की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। क्षेत्र में सड़क न होने की वजह से घरों के गंदे पानी का निकास भी सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। ऐसे में सारा गंदा पानी मोहल्ले की कच्ची सड़कों पर ही भर रहा है। इससे वहां दलदल और गंदगी का साम्राज्य है। इतना ही नहीं इससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है।

धरने का नेतृत्व कर रहे ‘जनता की आवाज’ संस्था के प्रदेश अध्यक्ष जगपाल सिंह यादव ने बताया कि आज प्रदशन का तीसरा दिन है। इससे पूर्व हमने महापौर उमेश गौतम को सड़क निर्माण के बावत एक ज्ञापन भी दिया था। इसके अलावा बीते कुछ महीनों में हम इस क्षेत्र में सड़क निर्माण की मांग को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों से मिले हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। हारकर अब धरने पर बैठे हैं। जब तक सड़क निर्माण शुरू नहीं होता धरना जारी रहेगा।

सड़क और नाली के लिए तरस रहे बरेली के बाशिन्देबरेली कालेज कर्मचारी कल्याण समिति ने किया समर्थन

संस्था के प्रदेश प्रभारी वीरेश सिंह गुर्जर ने बताया कि सड़क न बनने से इस कालोनी के अलावा आसपास की कालोनी के लोगों को भी खासी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

इस धरने में लक्ष्मी नगर, तुलाशेरपुर, सुरेश शर्मा नगर, ज्योतिपुरम, मिथिलापुरी एवं रजत विहार के लोग भी शामिल हो रहे हैं। आज के क्रम अनशन पर संस्था के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल कुमार कठेरिया बैठे। इस बीच बरेली कालेज कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र मिश्रा एवं सचिव हरीश मौर्य ने धरने का समर्थन किया है।

तीसरे दिन धरने पर अवनीश सिंह गुर्जर, राजीव पंडित, रामकिशन कश्यप, जद्दू सिंह गुर्जर, पुष्पेन्द्र माहेश्वरी, निशेम पाल गुर्जर, विनय ओबराय, अश्वनी सैनी, टिंकू शर्मा, वागेश सिंह गुर्जर, जगपाल भाटी, नरवीर सिंह, शशि कपूर, प्रभात गिरि गोस्वामी, अशर्फी लाल, परशुराम गंगवार, गुड्डूख् महिपाल सागर आदि समेत अनेक लोग बैठे।सड़क और नाली के लिए तरस रहे बरेली के बाशिन्दे

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